नई दिल्ली। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलवाई। कांग्रेस को जबरदस्त झटका देते हुए युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को पार्टी से त्यागपत्र दे दिया था। सिंधिया के इस्तीफे से राज्य की कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। ऐसी अटकले हैं कि सिंधिया को राज्यसभा का टिकट दिया जा सकता है और उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया जा सकता है। वहीं कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधि के कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
भाजपा की सदस्यता लेने के बाद करने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मेरे जीवन में 2 तारीखें बहुत महत्वपूर्ण रही हैं। व्यक्ति के जीवन में कई बार ऐसे मोड़ आते हैं जो व्यक्ति के जीवन को बदल कर रख देते हैं, मेरे जीवन में पहला दिन 30 सितंबर 2001, जिस दिन मैंने अपने पूज्य पिताजी को खोया. उसी के साथ दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 जो उनकी 75वीं वर्षगांठ थी, जहां जीवन में एक नई परिकल्पना और नया एक मोड़ का सामना करके एक नया निर्णय लिया है।
साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने सदैव माना है कि हमारा लक्ष्य इस भारत मां में जनसेवा होना चाहिए और राजनीति केवल उस लक्ष्य की प्राप्ति का साधन होना चाहिए। पिछले 18-20 वर्षों में जो मुझे समय मिला है. मैंने प्रदेश और देश की सेवा की है। मैं यह विश्वास के साथ कह सकता हूं कि जन सेवा का लक्ष्य आज उस संगठन के माध्यम नहीं हो पा रहा था। इसके अतिरिक्त वर्तमान में जो स्थिति में है, वो कांग्रेस पार्टी आज नहीं रही जो पहले थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को नौ मार्च को लिखे इस्तीफा पत्र में सिंधिया ने कहा था कि उनके लिये आगे बढ़ने का समय आ गया है क्योंकि इस पार्टी में रहते हुए अब वह देश के लोगों की सेवा करने में अक्षम हैं। कांग्रेस पार्टी ने कहा कि उनका पत्र सोनिया गांधी के आवास पर मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर मिला।