रायपुर। नीट (NEET) पास करने के बाद डॉक्टर बनने का सपना देख रही एक छात्रा और उसके परिवार को कम फीस में मेडिकल सीट दिलाने के झांसे में ऐसा जाल फंसाया गया कि बेटी का भविष्य अधर में लटक गया और परिवार को लाखों की ठगी का सामना करना पड़ा। यह चौंकाने वाला मामला रायपुर के पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र का है, जहां पुलिस ने एक फर्जी एजेंट डॉक्टर किशानु दास को गिरफ्तार किया है।
पीड़ित सुब्रतो मुखर्जी, प्रोफेसर कॉलोनी के निवासी हैं और एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। उनकी बेटी आयुषी मुखर्जी 2023 में NEET की तैयारी कर रही थी। काउंसलिंग के दौरान उनकी मुलाकात बिलासपुर के होम्योपैथिक डॉक्टर किशानु दास से हुई, जिसने खुद को मेडिकल एडमिशन में विशेषज्ञ बताया और पश्चिम बंगाल स्थित जेएमएन मेडिकल कॉलेज में कम फीस पर दाखिला दिलाने का झांसा दिया।

कॉलेज की वास्तविक फीस 86 लाख रुपये थी, लेकिन किशानु ने इसे सिर्फ 48 लाख में एडमिशन कराने का वादा किया। आर्थिक संघर्षों के बावजूद सुब्रतो ने आरोपी पर भरोसा किया और अग्रिम 5 लाख रुपये दे दिए। इसके बाद उन्होंने अपनी बेटी को लेकर जेएमएन कॉलेज में दाखिला भी करा दिया।
हालांकि, कॉलेज में दाखिले के बाद असली सच्चाई सामने आई। कॉलेज प्रबंधन ने पूरी फीस की मांग की और कानूनी बांड पर दस्तखत भी करवा लिए। फीस नहीं दे पाने पर आयुषी को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिली, जिससे उसकी पढ़ाई ठप हो गई।
पीड़ित पिता सुब्रतो मुखर्जी ने रायपुर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद थाना प्रभारी योगेश कश्यप के नेतृत्व में आरोपी किशानु दास को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अब इस ठगी के पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है और कॉलेज प्रबंधन को भी नोटिस जारी करने की तैयारी में है।
यह मामला न केवल शिक्षा के नाम पर हो रही ठगी का भंडाफोड़ करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि किस तरह से सपनों के नाम पर लोग शिकार बन रहे हैं।
