रायपुर/भिलाई। पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं। ऐसे में गृह मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 7 मई को देशव्यापी नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य विदेशी हमले जैसी आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने की तैयारियों को परखना और मजबूत करना है।
इस राष्ट्रीय स्तर की मॉक ड्रिल में देश के 244 चिन्हित ‘नागरिक सुरक्षा जिलों’ को शामिल किया गया है, जिनमें छत्तीसगढ़ से सिर्फ भिलाई शहर को चुना गया है। 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद देश में इस पैमाने की मॉक ड्रिल पहली बार हो रही है।

मंगलवार को इस संबंध में राज्य सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई, जिसमें मॉक ड्रिल की पूरी रूपरेखा तैयार की गई। सभी कलेक्टरों और एसपी को आवश्यक निर्देश भी जारी किए गए हैं।
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने इस मॉक ड्रिल को लेकर बयान दिया है कि भारत सरकार पहलगाम जैसी आतंकी घटनाओं के बाद अब सख्त रुख अपनाते हुए हर संभावित खतरे से निपटने की तैयारी में जुटी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार केंद्र के निर्देशों का पूर्ण रूप से पालन करेगी।
ड्रिल के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
- हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरनों का परीक्षण
- स्कूलों में छात्रों को नागरिक सुरक्षा उपायों का प्रशिक्षण
- आपातकालीन ब्लैकआउट अभ्यास
- महत्वपूर्ण ढांचों को छिपाने की रणनीति
- निकासी योजना का पूर्वाभ्यास
- वायुसेना के साथ हॉटलाइन/रेडियो संचार का परीक्षण
- वार्डन और अग्निशमन दल की तैनाती और क्रियाशीलता की जांच
- नियंत्रण एवं छाया नियंत्रण कक्षों की कार्यक्षमता का परीक्षण
- बंकरों और खाइयों की सफाई
- नागरिक सुरक्षा योजनाओं का अपडेट और अभ्यास
पंजाब के फिरोजपुर छावनी क्षेत्र में हाल ही में ब्लैकआउट प्रैक्टिस की गई थी, जहां गांवों में रात 9 से 9:30 बजे तक बिजली बंद रखी गई। अब भिलाई में भी इसी प्रकार का अभ्यास होगा, जहां आम नागरिकों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।
यह मॉक ड्रिल केवल अभ्यास नहीं, एक सख्त संदेश है—भारत अब हर हमले का जवाब देने को तैयार है।
