रायपुर। छत्तीसगढ़ में संपत्ति पंजीयन व्यवस्था में एक ऐतिहासिक परिवर्तन की शुरुआत हो चुकी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा 3 मई को ‘पंजीयन विभाग की 10 क्रांतिकारी सुधारों’ का शुभारंभ किया गया, जिसे राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने ‘संपत्ति पंजीयन क्रांति’ करार दिया है। इस पहल का उद्देश्य संपत्ति पंजीयन प्रक्रिया को पारदर्शी, सरल, डिजिटल और नागरिक केंद्रित बनाना है।
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने सभी जिलों के कलेक्टरों को इन 10 जन उपयोगी पहलुओं को जिले स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस क्रांति से आम जनता को पंजीयन से जुड़ी सेवाएं अब पहले से कहीं ज्यादा आसान, सुरक्षित और सुविधाजनक रूप से मिलेंगी।

इन सुधारों में आधार आधारित प्रमाणीकरण, ऑनलाइन भार मुक्त प्रमाण पत्र, व्हाट्सएप सूचना सेवा, डीजी लॉकर सुविधा, घर बैठे स्टांप दस्तावेज निर्माण, रजिस्ट्री के साथ स्वतः नामांतरण जैसी सुविधाएं शामिल हैं। साथ ही, अब कैशलेस भुगतान, फर्जी रजिस्ट्री पर रोक और ऑनलाइन दस्तावेज खोज एवं डाउनलोड की सुविधा भी नागरिकों को मिलेगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि आम लोगों को इन सेवाओं की जानकारी दी जाए और इसके लिए जिला स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित कर निगरानी की जाए। उन्होंने इसे छत्तीसगढ़ के सुशासन का एक सशक्त मॉडल बताया और उम्मीद जताई कि कलेक्टरों की सक्रिय भागीदारी से यह क्रांति धरातल पर पूरी तरह सफल होगी।
राज्य सरकार अब इस अभियान को जन-जागरूकता के माध्यम से हर नागरिक तक पहुंचाने की दिशा में काम कर रही है ताकि प्रत्येक व्यक्ति इस नई प्रणाली से लाभान्वित हो सके।
