छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में शिक्षाकर्मियों के आर्थिक हालात दिनों दिन बेहद खराब होते जा रहे है और इसके जिम्मेदार भी शिक्षा विभाग के आसीन पदों पर बैठने वाले अधिकारी ही है। जिले के तीनों तहसील दुर्ग धमधा पाटन में पदस्थ हजारों शिक्षाकर्मीयो मिलने वाला वेतन पिछले दो व तीन महीनों से नही मिला है। जिससे परिवार का जीवन यापन मुहाल हो गया है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़) रितेश तिवारी। पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने भी अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए थे कि किसी भी परिस्थिति में शिक्षाकर्मियों का वेतन न रोका जाये साथ ही महीने की एक तारीख को सभी शिक्षाकर्मियों को वेतन दिया जाये। वर्तमान कांग्रेश सरकार भी निर्देशित कर चुकी ह,ै शिक्षा सचिव भी आदेश जारी कर चुके है, लेकिन दुर्ग जिला जो सीएम और गृहमंत्री का गृह जिला होने के बाद भी निर्देशो का पालन नही होना कई सवाल खड़े कर रहा है। कई दफे शिक्षा अधिकारी जिला पंचायत सीईओ का कहना रहता है कि बजट नही आया है, कैसे करें वेतन का भुगतान। वही राज्य सरकार का साफ साफ निर्देश है कि समय पर बजट उपलब्ध न होने के पर कलेक्टर जिला पंचायत सीईओ अन्य मद से वेतन का त्वरित व्यवस्था कर भुक्तान करे। उसके बावजूद भी जिला शिक्षा महकमा चुप्पी साधे हुये है।
तंगी के कारण एक शिक्षा कर्मी की बीमारी से हो गई थी मौत
आपको बता दें वर्ष 2017 में जिले के धमधा तहसील में पदस्थ शिक्षाकर्मी का इलाज के अभाव में मौत हो चुकी है। उसकी मुख्य वजह पिछले चार महीने से वेतन नही दिया गया था। जिससे उसकी माली हालत बेहद खराब हो गई थी। आर्थिक हालात से जूझ रहे बीमार शिक्षाकर्मी की मौत हो गई । शिक्षा विभाग उसके बाद भी मौन था और आज भी मौन है।