पटना: बिहार विधानसभा में मंगलवार को नियोजित शिक्षकों के वेतन और उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकेत्तर कर्मियों की बहाली का मुद्दा गरमाया। वामदल के विधायक अजय कुमार ने सवाल उठाया कि सरकारी कर्मी का दर्जा मिलने के बावजूद शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है?
सरकार ने क्यों नहीं दिया सातवां वेतन आयोग?
अजय कुमार ने पूछा कि जो शिक्षक सक्षमता परीक्षा पास कर विशिष्ट शिक्षक बन चुके हैं, उन्हें सरकारी कर्मचारी की तरह वेतन क्यों नहीं मिल रहा? सरकार इन्हें बूथ पर ड्यूटी और बीएलओ का काम तो सौंप रही है, लेकिन वेतन में भेदभाव क्यों?

इस पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने जवाब दिया कि मामला वित्त विभाग में गया था, जहां इन शिक्षकों के लिए अलग पे मैट्रिक्स बनाया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि नियोजित शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग के दायरे में नहीं रखा गया। हालांकि, आठवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने के बाद सरकार इस पर विचार करेगी।
विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, मुख्यमंत्री का तंज
शिक्षा मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी विधायक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर तंज कसते हुए कहा,
“अगर कोई शिकायत है तो हमें लिखकर दें, हम एक्शन लेंगे। लेकिन हमारे खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं, इसके लिए हम आपको बधाई देते हैं।”
उन्होंने ताली बजाकर विरोधियों पर व्यंग्य कसा और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ को एक्शन लेने का निर्देश दिया। इसके बाद विपक्ष शांत हुआ।
मई में होगी TRE-4 शिक्षक भर्ती
विधानसभा में शिक्षक बहाली का मुद्दा भी उठा। भाजपा विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने सवाल किया कि उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकेत्तर कर्मियों की बहाली कब होगी?
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने जवाब दिया कि मई 2024 में TRE-4 के तहत शिक्षक बहाली की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पूर्व में हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा का सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी नहीं किया जाएगा। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने इस संबंध में पहले ही स्पष्ट कर दिया है।
