छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक सुधार की दिशा में ऐतिहासिक कदम, सरकार ने CEGIS और TRI के साथ किया समझौता

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में सुशासन एवं अभिसरण विभाग ने सेंटर फॉर इफेक्टिव गवर्नेंस ऑफ इंडियन स्टेट्स (CEGIS) और ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया (TRI) के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी का उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता बढ़ाना, योजनाओं की निगरानी को मजबूत करना और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।

प्रशासनिक पारदर्शिता और सुशासन को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि संसाधनों का सही और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से प्रदेश में ‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग’ की स्थापना की गई है, जो छत्तीसगढ़ सरकार का 58वां विभाग है। उन्होंने कहा कि यह विभाग प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा और सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में सहायता करेगा

उन्होंने कहा कि इस एमओयू के माध्यम से ई-गवर्नेंस, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, शिकायत निवारण तंत्र और योजनाओं की रियल-टाइम मॉनिटरिंग को मजबूती मिलेगी। इससे भ्रष्टाचार पर सख्त नियंत्रण लगेगा और आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के प्राप्त होगा

CEGIS और TRI का सहयोग राज्य को कैसे लाभ पहुंचाएगा?

CEGIS के फाउंडर कार्तिक मुरलीधरन ने कहा कि उनका संस्थान छत्तीसगढ़ सरकार को तकनीकी, विश्लेषणात्मक और रणनीतिक सहयोग प्रदान करेगा। साथ ही, रणनीतिक बजटिंग और वित्तीय प्रबंधन में भी शासन को सहयोग मिलेगा।

उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर की विशेषज्ञता और डेटा-ड्रिवन नीति निर्माण से छत्तीसगढ़ को व्यापक लाभ मिलेगा। इस साझेदारी के माध्यम से सरकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित होगा और नीतियों को अधिक पारदर्शी एवं जनहितकारी बनाया जाएगा

सरकारी कर्मचारियों और युवाओं के कौशल विकास को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस पहल से सरकारी कर्मचारियों और युवाओं के कौशल विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा। डिजिटल टेक्नोलॉजी और डेटा-ड्रिवन प्रशासन की मदद से शासन को अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाया जाएगा

निष्कर्ष

इस ऐतिहासिक समझौते से छत्तीसगढ़ सरकार प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक नई क्रांति लाने की ओर अग्रसर है। इससे न केवल सरकारी योजनाओं की निगरानी और पारदर्शिता में सुधार होगा, बल्कि नीति-निर्माण और बजट प्रबंधन को भी अधिक प्रभावी और सशक्त बनाया जाएगा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *