वाहन रिपेयरिंग के नाम पर लाखों रु. वसूलने के बाद भी वाहन की खामियों को दूर नहीं किए जाने के मामले में जिला उपभोक्त फोरम द्वारा सर्विस सेंटर के खिलाफ आदेश पारित किया गया। फरोम ने वाहन की सभ खामियों को 15 दिवस की अवधि में दूर करने का ओश सर्विस सेंटर संचालक को दिया है। इसका साथी वाहन मालिक को इससे हुई मानसिक वेदना की छतिपूर्ति के लिए 20 हजार रु. की भुगतान किए जाने का भी निर्देश दिया है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला भिलाई व रायपुर मे महादेवा कार प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित है। कोहका (भिलाई) निवासी विनय कुमार प्रसाद की डस्टर कार अप्रैल 2017 में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस कार को मरम्मत के लिए महादेवा कार प्राइवेट लिमिटेड के भिलाई स्थित शोरूम ले जाया गया था। जहां कार की मरम्मत करने में असमर्थता जाहिर करते हुए संचालक ने इसे रायपुर के मुख्य सर्विस सेंटर में ले जाने की सलाह दी थी। सलाह पर विनय ने कार को मुख्य सर्विस सेंटर में रिपेयरिंग के लिए भिजवा दिया था। जहां से तीन महीने बाद 28 सितंबर 2017 को कार वापस मिली। कार की रिपेयरिंग के ऐवज में 3 लाख 93 हजार 632 रु. लिए गए थे। बाद में कार को चलाए जाने पर उसमे कई प्रकार की खामिया सामने आई। शिकायत करने पर सर्विस सेंटर की सलाह पर गाड़ी के टायर बदलवाये गए, नया स्टेयरिंग लगवाया गया और बाद में गाड़ी के बुश बदलवाए गए। इसके बाद भी गाड़ी की खामी बनी रही। लाखों रुपए खर्च किए जाने के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं होने पर प्रकरण को जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया गया था।
प्रकरण पर विचारण पश्चात जिला उपभोक्ता फोरम ने महादेवा कार प्राइवेट लिमिटेड के सर्विस सेंटर के इस कृत्य को सेवा में कमीं तथा व्यवसायिक कचारण की श्रेणी में माना। फोरम ने सर्विस सेंटर संचालक को एक माह की अवधि में इस कृत्य से वाहन मालिक को हुई वेदना के लिए 20 हजार रु. का हर्जाना तथा वाद व्यय की राशि 1 हजार रु. अदा करने का आदेश दिया है। साथ ही एक माह की अवधि में वाहन मालिक से कार प्राप्त कर उसकी खामियों को 15 दिवस की अवधि में पूरी तरह दूर करने का निर्देश दिया है।