छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में मालक परिवहन संघ ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। इस हड़ताल के चलते जिले में सैकड़ों ट्रक संचालन ठप हो गया है, जिससे कारोबारियों को भारी नुकसान हो रहा है।
संघ की मांगें और समस्याएं
मालक परिवहन संघ ने स्थानीय ट्रांसपोर्टरों के अधिकारों के हनन, खस्ताहाल सड़कों, और बाहरी ट्रांसपोर्टरों की गतिविधियों को लेकर विरोध जताया है। संघ ने आरोप लगाया कि जिले में बाहरी ट्रांसपोर्टरों की गाड़ियां स्थानीय ट्रांसपोर्टरों के हितों को नुकसान पहुंचा रही हैं।

संघ की प्रमुख मांगें:
- लोडिंग में स्थानीय समिति और संघ को प्राथमिकता दी जाए।
- जिले में बिना अनुबंध के ट्रांसपोर्ट संचालन पर रोक लगाई जाए।
- 40% लोड छोटेडोंगर समिति और 20% ट्रांसपोर्टर को दिया जाए।
- सभी ट्रकों का गेट पास गढ़बेंगाल में काटा जाए।
- लोडिंग पॉइंट से 500 मीटर तक यूनियन के ट्रकों के लिए जगह आरक्षित की जाए।
- रायपुर और गिधाली के लिए भाड़ा दर क्रमशः ₹1,330 और ₹1,100 तय हो।
- नए टोल का अतिरिक्त भुगतान नए साल से किया जाए।
- संघ की सभी गाड़ियों की सूची सार्वजनिक की जाए।
- हर महीने की 5 तारीख तक बिना किसी कटौती के भुगतान किया जाए।
- बाहरी गाड़ियों को संचालन में प्राथमिकता न दी जाए।
संघ की स्थिति और प्रशासन से नाराजगी
संघ के अध्यक्ष किशोर आर्य ने कहा कि प्रशासन और ट्रांसपोर्टर के बीच हुई बैठक में चार बिंदुओं पर सहमति बनी थी, लेकिन कोई भी मांग पूरी नहीं की गई। इससे नाराज होकर संघ ने आंदोलन का रास्ता अपनाया है।
आंदोलन का असर
इस हड़ताल से जिले के व्यापार और ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर बुरा असर पड़ा है। 307 ट्रक बंद होने से लोडिंग और परिवहन कार्य रुक गए हैं। कारोबारियों को भारी नुकसान हो रहा है।
