सिरसौद थाना क्षेत्र में बंधुआ मजदूरी का गंभीर मामला सामने आया है। धर्मेंद्र रावत के फार्म हाउस में छत्तीसगढ़ के मजदूरों को बंधक बनाकर जबरन काम करवाने का आरोप है। इनमें कई नाबालिग भी शामिल हैं। बुधवार शाम को लेबर इंस्पेक्टर और पुलिस बल की संयुक्त कार्रवाई में सभी मजदूरों को रिहा कराया गया।
छत्तीसगढ़ से मिली सूचना:
एसडीएम उमेश कौरव ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के लेबर इंस्पेक्टर ने सूचना दी थी कि ग्राम मानिकपुर में धर्मेंद्र रावत के फार्म हाउस पर मजदूरों को बंधक बनाकर काम कराया जा रहा है। मजदूरों को पर्याप्त खाना नहीं दिया जा रहा था, घर जाने की अनुमति भी नहीं थी, और उनका वेतन भी रोक लिया गया था।
प्रशासन की कार्रवाई:
- जांच और रेस्क्यू ऑपरेशन: शिवपुरी के एसडीएम कौरव और लेबर इंस्पेक्टर आशीष तिवारी ने पुलिस बल के साथ फार्म हाउस पर छापा मारा, जहां मजदूर जबरन काम करते हुए पाए गए।
- पूछताछ में खुलासा: मजदूरों ने बताया कि वे अपने घर लौटना चाहते थे, लेकिन उन्हें रोक लिया गया और वेतन भी नहीं दिया गया।
- मजदूरों की सुरक्षा: सभी मजदूरों को रिहा कर स्थानीय रेन बसेरा में अस्थायी रूप से रखा गया है।
- आर्थिक सहायता: नियमानुसार सभी मजदूरों को 30-30 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
आपराधिक कार्रवाई:
लेबर इंस्पेक्टर ने उचित आपराधिक प्रकरण तैयार कर अदालत में प्रस्तुत करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मजदूरों को कानूनी कार्रवाई के बाद उनके घर वापस भेजा जाएगा।