रायपुर, 10 अप्रैल: छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए जारी किए गए बोनस की लगभग 7 करोड़ रुपये की राशि के गबन के मामले में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने गुरुवार को सुकमा जिले के 12 ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी की इस कार्रवाई में पूर्व विधायक और आदिवासी नेता मनीष कुंजाम का नाम भी सामने आया है, जिन्हें ACB-EOW ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में “संदिग्ध” बताया है।
पूर्व विधायक मनीष कुंजाम 1990 से 1998 तक CPI के विधायक रह चुके हैं और वर्तमान में ‘बस्तरिया राज मोर्चा’ नामक सामाजिक संगठन के संयोजक हैं। हालांकि कुंजाम का इस पर कोई बयान सामने नहीं आया, लेकिन सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दावा किया है कि इस घोटाले को उजागर करने वाले खुद मनीष कुंजाम ही थे।

किस मामले में हुई कार्रवाई?
ACB-EOW के अनुसार, यह मामला 2021 और 2022 के तेंदूपत्ता सीजन में संग्राहकों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में गबन से जुड़ा है। आरोप है कि सुकमा जिले के वन मंडल अधिकारी अशोक कुमार पटेल ने वन विभाग के अन्य अधिकारियों, प्राथमिक लघु वनोपज समितियों के प्रबंधकों और पोषण अधिकारियों के साथ मिलकर करोड़ों रुपये का घोटाला किया।
ACB-EOW की टीम ने गुरुवार को सुकमा में मनीष कुंजाम, राजशेखर पुराणिक (DFO कार्यालय का कर्मचारी), और अन्य संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, कई बैंक खाते और निवेश से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए।
DFO कर्मचारी राजशेखर पुराणिक के घर से ₹26,63,700 नकद जब्त किए गए। हालांकि, मनीष कुंजाम के आवास से कोई जब्ती की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उठाए सवाल
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला ने मनीष कुंजाम के खिलाफ हुई कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा, “क्या छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार की शिकायत करना अब अपराध बन गया है? मनीष कुंजाम ही वो व्यक्ति हैं जिन्होंने इस घोटाले की शिकायत की थी और जांच की मांग की थी।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि कुंजाम पिछले कई दशकों से बस्तर के आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन और खनिजों की लूट के खिलाफ लड़ाई लड़ते आए हैं।
अब आगे क्या?
ACB-EOW ने कहा है कि बरामद दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की विस्तृत जांच की जा रही है और आगे की कानूनी कार्रवाई प्रक्रिया में है। मामले में अभी और खुलासे हो सकते हैं।
