हैदराबाद, 10 अप्रैल 2025: सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (CEC) ने हैदराबाद के विवादित कांचा गाचीबोवली क्षेत्र की दो दिवसीय जांच शुरू कर दी है। यह जांच करीब 400 एकड़ भूमि पर कथित बिना अनुमति पेड़ों की कटाई और हरे-भरे क्षेत्र के विनाश को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणियों के बाद शुरू की गई है।
सीईसी प्रमुख सिद्धांत दास के नेतृत्व में समिति के सदस्य सीपी गोयल, सुनील लिमये और जेआर भट्ट बुधवार शाम हैदराबाद पहुंचे और गुरुवार सुबह से ही यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद के पास स्थित विवादित स्थल का निरीक्षण शुरू किया। इस दौरान वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी टीम के साथ मौजूद रहे।

मीडिया रिपोर्टों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान
मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया रिपोर्टों का संज्ञान लेते हुए इस भूमि विवाद की सीधे निगरानी की जिम्मेदारी CEC को सौंपी है। समिति को 16 अप्रैल से पहले अपनी रिपोर्ट कोर्ट में जमा करनी होगी, जो इस जमीन के भविष्य को तय करने में अहम भूमिका निभाएगी।
पर्यावरणीय उल्लंघनों पर छात्रों और एनजीओ की चिंता
गुरुवार को समिति ने स्थल का भौतिक निरीक्षण किया और शुक्रवार को वह छात्र संगठनों, एनजीओ और अन्य पर्यावरण हितधारकों की राय सुनेगी। इन संगठनों ने आरोप लगाया है कि क्षेत्र में विकास कार्यों के नाम पर बड़ी संख्या में पेड़ों को काटा गया और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाया गया है।
आज मुख्य सचिव से होगी अहम बैठक
CEC टीम आज दोपहर 2 बजे तेलंगाना की मुख्य सचिव ए. शांति कुमारी सहित वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक करेगी। सभी पहलुओं की समीक्षा के बाद समिति अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी।
समिति का ठहराव होटल ताज कृष्णा में है और यह सीधे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत काम कर रही है। इस भूमि पर सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों की वैधता, पर्यावरणीय असर और कानूनी प्रक्रिया का पालन जैसे मुद्दे इस रिपोर्ट में शामिल होंगे।
