बिहार शरीफ, अप्रैल 2025: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान खोले गए एक नई घड़ी चौक (Clock Tower) ने सोशल मीडिया पर भारी आलोचना और मजाक का सामना किया है। वजह? उद्घाटन के एक दिन बाद ही बंद हो गई घड़ी, और इसके आउटडेटेड डिजाइन और घटिया फिनिशिंग ने लोगों को हैरान कर दिया।
40 लाख का खर्च या अफवाह?
सोशल मीडिया पर घड़ी टॉवर को लेकर सबसे बड़ी बहस यह रही कि क्या वाकई इस पर 40 लाख रुपए खर्च हुए? कई यूजर्स ने इस बात पर सवाल उठाया कि इतनी साधारण सी दिखने वाली संरचना पर इतना बड़ा खर्च कैसे संभव है?
हालांकि, बिहार शरीफ स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने इन दावों को “अफवाह” बताते हुए खारिज कर दिया है। संस्था ने साफ किया है कि 40 लाख नहीं, बल्कि यह घड़ी चौक मात्र 20 लाख रुपए में बनी है।

क्यों बंद हो गई घड़ी?
नगर आयुक्त दीपक कुमार मिश्रा ने बताया कि उद्घाटन के बाद कुछ ही दिनों में घड़ी में लगाई गई एक केबल चोरी हो गई, जिससे घड़ी काम करना बंद कर दी। उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि इसका आधिकारिक उद्घाटन अभी हुआ ही नहीं है क्योंकि यह प्रोजेक्ट अभी अधूरा है।
लोगों ने बताया ‘स्कूल प्रोजेक्ट’ जैसा
इस घड़ी टावर को सफेद रंग के साधारण खंभे पर रखे गए बॉक्स जैसी संरचना बताया जा रहा है, जिसमें बेसिक घड़ी का चेहरा लगा हुआ है। लोगों ने इसे आंखों की किरकिरी (“eyesore”) और स्कूल प्रोजेक्ट जैसा बताया है।
ये घड़ी टावर किस प्रोजेक्ट का हिस्सा है?
नगर आयुक्त के अनुसार, यह टावर नाला रोड प्रोजेक्ट का एक छोटा सा हिस्सा है, जिसका उद्देश्य मछली मंडी को मुग़ल कुआं से जोड़ना है।
