संवेदनशील मामले में महिला विवेचक की अनुपस्थिति पर अदालत गंभीर, जारी किया गिरफ्तारी वारंट

छेड़छाड़, अनाचार जैसे संवेदनशील मामले में पुलिस जांच अधिकारी की अनुपस्थिति को अदालत ने गंभीरता से लिया है। अदालत द्वारा संबंधित महिला विवेचक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। मामले का निराकरण विवेचक की गवाही पूर्ण नहीं हो पाने के कारण लंबित है।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला नेवई थाना से संबंधित है। नेवई पुलिस द्वारा वर्ष 2015 में गोविंद बिहारी सिंह राठौर के खिलाफ दफा 354 व पाक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था। गोविंद बिहारी के खिलाफ दाखिल इस प्रकरण की विवेचना पुलिस विभाग की कोमलता सोनी द्वारा की गई थी। यह मामला फास्ट टे्रक कोर्ट न्यायाधीश स्मिता रत्नावत की अदालत में विचारधीन है। इस मामले में प्राय: सभी गवाहों के कथन अदालत के समक्ष दर्ज कर लिए गए है। विवेचक की गवाही के बाद मामले का निराकण किया जाना है। मामले की पिछली सुनवाई तिथि 24 दिसंबर को विवेचक कोमलता सोनी अदालत के समक्ष पेश हुई थी। सुनवाई के दौरान उन्होंने अस्वस्थ्य होने का हवाला दिया था। जिस पर अदालत ने सुनाई तिथि 30 दिसंबर निर्धारित की थी। निर्धारित तिथि की जानकारी होने के बावजूद महिला विवेचक 30 दिसंबर को बिना किसी सूचना के अदालत में उपस्थित नहीं हुई। जिसे न्यायाधीश स्मिता रत्नावत ने गंभीरता से लिया और महिला विवेचना अधिकारीके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने का आदेश दिया है।