छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में सरकारी स्कूलों का बहिष्कार: ग्रामीणों की मांगें और नाराजगी

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के छुरा विकासखंड के ग्राम हीराबतर में सरकारी स्कूलों में जारी ‘प्रवेशोत्सव’ कार्यक्रम फीका पड़ता नजर आ रहा है। गांव के प्राथमिक शाला का बहिष्कार ग्रामीणों ने तीसरे दिन भी जारी रखा है। ग्रामीणों की नाराजगी शाला के जर्जर भवन और शिक्षकों की कमी को लेकर है।

ग्रामीणों की नाराजगी और मांगें

गांव वालों ने बुधवार को स्पष्ट किया कि “जब तक समस्या का समाधान नहीं होगा, तब तक विरोध जारी रहेगा।” पालकों ने कहा कि “लगभग चार वर्षों से एक छोटे से कमरे में कक्षा संचालित हो रही है, जिससे छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बैठने और पढ़ने में दिक्कत हो रही है।”

शिक्षकों की कमी और अन्य समस्याएं

प्राथमिक शाला में इस समय 71 बच्चे और केवल दो शिक्षक हैं। जुलाई माह में प्रवेश प्रारंभ होने के कारण आने वाले दिनों में छात्रों की संख्या और भी बढ़ जाएगी। अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि शिक्षक स्कूल में बैठकर केवल ड्यूटी दे रहे हैं और मध्याह्न भोजन भी बंद है।

ब्लाक शिक्षा अधिकारी का दौरा और स्थिति का जायजा

बहिष्कार के बीच मंगलवार को छुरा ब्लाक शिक्षा अधिकारी मौके पर पहुंचे और शाला का बहिष्कार कर रहे अभिभावकों से बात की। हालांकि, समझाने के प्रयास विफल रहे। ग्रामीणों का कहना है कि “जब तक जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर आकर समस्याओं का समाधान नहीं करेंगे, तब तक हमारा बहिष्कार जारी रहेगा।”

अगली कदम: राजधानी रायपुर का रुख

ब्लाक और जिला स्तर पर समाधान नहीं हो पाने के कारण अब अभिभावक समिति एवं शाला समिति के सदस्य प्रदेश की राजधानी रायपुर जाने की तैयारी में हैं।

यह स्थिति दर्शाती है कि ग्रामीण अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर गंभीर हैं और प्रशासन से उचित समाधान की अपेक्षा रखते हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन कब तक इस मामले का समाधान कर पाता है।