संदेह के चलते पत्नी को बेहरमी से पीटा, मौत, बच्चों ने अदालत में पिता को ठहराया जिम्मेवार, पत्नीहंता को मिली उम्रकैद

पत्नी की बेहरमी से पिटाई कर हत्या करने के आरोपी को न्यायालय द्वारा अजीवन कारावास से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया गया है। आरोपी पति अपने पत्नी के चरित्र पर संदेह करता था, जिसके चलते उसने इस घटना को अंजाम दिया था। हत्या के इस मामले पर न्यायाधीश डॉ. ममता शुक्ला की अदालत में विचारण किया गया था। अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक महेन्द्र सिंह राजपूत ने पैरवी की थी।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। वारदात अम्लेश्वर थाना अंतर्गत ग्राम अमलीडीह में 7 मई 2018 की सबेरे घटित हुई थी। ग्राम अमलीडीह निवासी लक्ष्मण साहू (48 वर्ष) अपनी पत्नी गौरीबाई के चरित्र पर शक करता था। जिसको लेकर प्राय: दोनों में विवाद होता रहता था। इसी बात को लेकर 7 मई 2018 की सवेरे लगभग 11.3 बजे भी दोनों के बीच विवाद हुआ और लक्ष्मण ने वहां रखे कुदली के बैठ से गौरी पर ताबातोड़ वार करना प्रारंभ कर दिया था। जिससे गंभीर रुप से घायल गौरी की मौके पर ही मौत हो गई थी।
घटना की सरपंच पति को खुद दी जानकारी
पत्नी की पिटाई कर गंभीर रुप से घायल करने के बाद आरोपी लक्ष्मण ने स्वयं इस घटना की जानकारी ग्राम सरपंच के पति कामदेव कोसले को दी थी। जिसके बाद कामदेव ने लक्ष्मण के घर जाकर देखा तो उसकी पत्न गौरीबाई खूल से लथपथ जमीन पर पड़ी मिली। उसकी मौत हो गई थी। जिसके कामदेव ने इस घटना की जानकारी पुलिस को दी थी। पुलिस ने मौके पर जाकर शव को अपने कब्जे लेकर चिकित्सकीय परीक्षण कराया तथा आरोपी लक्ष्मण साहू के खिलाफ दफा 302 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
बच्चों ने कहा पिता ने ही की है मां की हत्या
घटना के समय पति व पत्नी दोनों घर में अकेले थे। इस प्रकार से कोई भी प्रत्यक्षदर्शी गवाह नहीं था। मृत गौरीबाई, लक्ष्मण की विवाहिता पत्नी थी। उनके 4 बच्चें थे, जिनमें से दो बेटियों की शादी हो गई थी। अविवाहित बच्चें भी घटना को दौरान घर में मौजूद नहीं थे। इसके बावजूद उन्होंने इस हत्या के लिए अदालत के समक्ष अपने पिता को ही जिम्मेवार ठहराया था। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 15 गवाह पेश किए गए थे। जिनमें आरोपी की बच्चें भी शामिल थे। बच्चों ने प्रकरण की सुनवाई के दौरान अदालत में अपने पिता के खिलाफ गवाही दी थी। बच्चों ने बताया था कि उनका पिता आदतन शराबी था और प्राय: बेकार रहता था। घर का खर्चा मां की कमाई से चलता था। शराब के लिए पैसे की मांग कर पित द्वारा प्राय: मां से मारपीट करता था। इसके अलावा चरित्र पर शक भी करता था।
अदालत ने दी उम्रभर की कैद
प्रकरण पर विचारण पश्चात न्यायाधीश डॉ. ममता शुक्ला ने आरोपी पति लक्ष्मण साहू को हत्या को दोषी पाया। इस मामले में अभियुक्त को दफा 302 के तहत आजावन कारावास व 2 हजार रु. अर्थदंड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। अर्थदंड की राशि अदा न किए जाने पर अभियुक्त को 3 माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।

You cannot copy content of this page