शासन ने समितियों में धान खरीदी के लिए प्रतिदिन काटे जाने वाले टोकनों और उसमें लाये जाने वाले धान की मात्रा को लेकर किसी तरह की लिमिट निर्धारित नहीं की है। अभी समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। बजट में योजना बनाकर शेष राशि किसानों के खाते में स्थानांतरित की जाएगी। इस संबंध में निर्मित भ्रम की स्थिति का निवारण करने के निर्देश कलेक्टर अंकित आनंद ने जिम्मेदार अधिकारियों को दिए है।
दुर्ग (छत्तसीगढ़)। कलेक्टर अंकित आनंद ने अधिकारियों की बैठक लेकर धान खरीदी के संबंध में शासन के निर्देशों से किसानों को वस्तुस्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि टोकन काटने के समय समिति अपने उपलब्ध संसाधनों जैसे बारदाने की उपलब्धता, परिवहन की स्थिति तथा अन्य संभावित स्थितियों को देखते हुए उचित व्यवस्था बनाये, ताकि किसान को अपना धान बेचने में किसी तरह की दिक्कत न हो और सोसायटी में न्यूनतम समय में उनका धान बिक सके। किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान की खरीदी की जाएगी।
गड़बड़ी रोकने करें नियमित निरीक्षण
कलेक्टर ने कहा कि वास्तविक और मूल किसानों से ही उनके बोये गए रकबे के हिसाब से धान की खरीदी हो। किसी भी कोचिये या बिचैलिये से धान की खरीदी न हो। समितियों में नियम विरुद्ध खरीदी न हो, इसकी नियमित जांच की जाए। कलेक्टर ने अधिकारियों को जिम्मेदारी देते हुए कहा कि सभी अधिकारी अपने -अपने क्षेत्रों की सोसायटियों में पहुंचकर धान खरीदी की नियमित जांच करें।
अनियमितता पर होगी कड़ी कार्रवाई
कलेक्टर ने कहा कि वे स्वयं जाकर समितियों में की जा रही धान की खरीदी की जांच करेंगे। किसी समिति में धान खरीदी के संबंध में फर्जीवाड़ा पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। समितियों में पूर्व वर्ष की तुलना में इस वर्ष अनुपात से अत्याधिक धान की खरीदी होने की दशा में संबंधित समिति की और कड़ाई से जांच की जाएगी।
एफसीआई करेगा पतला, मोटा धान का मापदंड
कलेक्टर ने कहा कि पतला और मोटा धान का मानदंड एफसीआई तय करता है। इसके समर्थन मूल्य पर दर अलग-अलग हैं लेकिन शासन अभी समर्थन मूल्य पर खरीदी कर बजट में योजना बनाकर शेष राशि बाद में किसानों के खाते में स्थानांतरित करेगी। किसानों को 25 सौ रुपए का मूल्य मिल जाएगा अतएव पतला या मोटा धान है यह विषय आर्थिक दृष्टि से महत्व नहीं रखता।