दुर्घटना में घायल व्यक्ति के अनफिट अवधि का पूरा भुगतान करने से इंकार किए जाने के मामले में उपभोक्ता फोरम द्वारा न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ आदेश पारित किया गया है। फोरम ने बीमा धारक को दुर्घटना के कारण अनफिट रहने की पूरी अवधि का भुगतान ब्याज के साथ अदा करने का निर्देश दिया है। साथ इससे हुई मानसिक हानि के लिए हर्जाना अदा करने का आदेश भी दिया गया है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला स्टेशन रोड़ स्थित न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से संबंधित है। भिलाई के मरौदा सेक्टर निवासी लाला साय वर्मा द्वारा छत्तीसगढ़ सहकारी साख समिति, भिलाई के माध्यम से सामूहिक दुर्घटना बीमा कराया गया था। बीमा अवधि के दौरान 22 मार्च 2017 को एक दुर्घटना में लाल साय चोटलि हो गए थे। चेहरे व गर्दन में लगी चोट के कारण उनका इलाज भिलाई सेक्टर 9 अस्पताल के ई.एन.टी. विभाग में 22 से 28 मार्च 2017 तक किया गया। जिसके पश्चात 28 मार्च को कंधे में दर्द की शिकायत पर हड्डी रोग विशेषज्ञ की सलाह पर एक्स-रे कराया गया, जिसमें कॉलर बोन के फैक्चर होने की जानकारी सामने आई। इसके इलाज के लिए डॉक्टर ने उन्हें 31 मार्च से 6 मई 2017 तक बेड रेस्ट की सलाह दी थी। इस प्रकार से पूरे इलाज में कुल 46 दिन लग गए थे। इस संबंध में बीमा कंपनी में दावा प्रस्तुत किए जाने पर कंपनी ने महज 22 मार्च से 30 मार्च तक की अवधि का दावा स्वीकार कर 3424 रु. का भुगतान किया गया। शेष अवधि के भुगतान 14800 रु. को एक ही तारीख पर फिट और अनफिट सर्टिफिकेट जारी होने का हवाला देते हुए निरस्त कर दिया। बीमा दावा की शेष राशि का भुगतान दिलाए जाने के लिए उपभोक्ता फोरम के समक्ष वाद प्रस्तुत किया गया था।
प्रकरण पर विचारण पश्चात जिला उपभोक्ता फोरम ने न्यू इंडिया इंश्योरेंस बीमा कंपनी को एक माह की अवधि में शेष अवधि की दावा भुगतान राशि 14800 रु. वाद प्रस्तुति दिनांक से 12 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश दिया है। साथ ही इससे हुई मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति के लिए 5000 रु. व वाद व्यय की राशि 1000 रु. का भुगतान करने का निर्देश दिया है।