दुर्ग (छत्तीसगढ़)। धर्मांतरण के नाम पर हिंदू संगठनों द्वारा शहर के एक स्कूल में बवाल करने का प्रयास किया गया। संगठन की शिकायत पर मौके पर पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई। टीम द्वारा जांच किए जाने के बाद धर्मांतरण के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया गया। बताया गया कि इसाई कम्युनिटी के बच्चों के लिए स्कूल में कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इस कार्यशाला की सूचना स्कूल प्रबंधन द्वारा शिक्षा अधिकारी और प्रशासन को नहीं दी गई थी। जिसके लिए प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।
रविवार को पद्मनाभपुर स्थित विश्वदीप स्कूल में बच्चों को बुलाए जाने की जानकारी हिंदू संगठनों को मिली थी। इस कार्यशाला के माध्यम से हिंदू बच्चों का धर्मांतरण किए जाने का आरोप लगाते हुए संगठन के लोग स्कूल में जुटने लगे। जिसके बाद बवाल प्रारंभ हो गया। सूचना मिलने पर एएसपी सिटी संजय ध्रुव, तहसीलदार प्रेरणा सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। बच्चों में पूछताछ में यह सामने आया कि प्रायः सभी बच्चें क्रिश्चियन कम्यूनिटी से थे। धर्मांतरण जैसी कोई बात सामने नहीं आई। वहीं यह जानकारी भी सामने आई कि इस कार्यशाला का आयोजन स्कूल के पास चर्च में किया जाना था, किसी कारणवश स्कूल में करना पड़ा। स्कूल में कार्यशाला के आयोजन के संबंध में शिक्षा विभाग तथा प्रशासन को विधिवत सूचना दी जानी थी। जो नहीं दी गई थी। तहसीलदार प्रेरणा सिंह ने बताया कि इसके लिए स्कूल प्रबंधन को कारण बताओं नोटिस जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा धर्मांतरण जैसी कोई बात नहीं है।


वहीं मौके पर पहुंचे संगठन के लोगों ने आरोप लगाया कि यहां बच्चों से एड्स, सेक्स से संबंधित सवाल किए जा रहे है। नेताओं का आरोप है कि कार्यशाला में क्रिश्चियन बच्चों के साथ हिंदू समुदाय के बच्चें भी शामिल है। जिन्हें मौके में मौजूद पादरी द्वारा बाइवल आदि की जानकारी दी जा रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराए जाने का मामला है। विरोध में संगठन समर्थक वहीं बैठ गए और हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। हालांकि अंत तक धर्मांतरण संबंधी कोई बात समाने नहीं आई। जिसके बाद मामला शांत हो गया।
