ट्रेलर चालक ने की साथी ट्रेलर चालक की हत्या, अदालत ने आजीवन कारावास से किया दंडित

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। ट्रेलर चालक द्वारा अपने साथी ट्रेलर चालक की हत्या के मामले में अदालत द्वारा आज फैसला सुनाया गया है। अदालत ने आरोपी को दफा 302 के तहत आजीवन कारावास से दंडित किया है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार टामक की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक छन्नूलाल साहू ने पैरवी की थी। घटना लगभग तीन साल पुरानी है।

मामला पुरानी भिलाई थाना क्षेत्र अंतर्गत इंजीनियरिंग पार्क हथखोज का है। आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश) निवासी रविन्द्र यादव उर्फ भीम (27 वर्ष) पेशे से ट्रेलर चालक है। 18 फरवरी 2020 को जरवे ट्रांसपोर्ट नागपुर के ट्रेलर क्र.एचएच 04 जीएफ 3320 के माध्यम से विशाखापट्टनम से माल लेकर हथखोज पहुंचा था। उसके साथ ही ट्रेलर क्र. एमएच 40 वाय 8859 रामविलास राजभर भी माल लेकर आया था। दोनों ट्रेलर के लिए माल लेने के इंतजार में हथखोज में रुके हुए थे। दोपहर लगभग एक बजे दोनों चालक देशी शराब भट्टी गए, जहां शराब पी। इसी दौरान उनमें झगड़ा हो गया। वापस आने पर भी रामविलास ने रविन्द्र के साथ गाली-गलौज जारी रखी। जिससे नाराज रविन्द्र ने रामविलास के साथ हाथ-मुक्का से मारपीट कर डाल पकड़ कर जमीन पर पटक दिया और उसी के ट्रेलर को रामविलास के पैरों पर चढ़ा दिया। जिससे रामविलास की मौत हो गई। जिसके बाद रामविलास के घायल होने की जानकारी फोन से जरवे ट्रांसपोर्ट नागपुर के मालिक राधेश्याम को दी।

जरवे ट्रांसपोर्ट नागपुर के मालिक राधेश्याम ने फोन कर अरोरा ट्रांसपोर्ट के मुंशी भागवत कुमार को मौके पर जाकर जानकारी हासिल करने भेजा। भागवत अपने साथी कमलेश कुमार के साथ हथखोज पहुंचा तो देखा कि रामविलास ट्रेलर के चक्के के पास गिरा हुआ है और पास में रविन्द्र यादव उर्फ भीम बैठा हुआ है। घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच जांच की और रविन्द्र द्वारा झाड़ियों में छुपाए गए रामविलास के पर्स नगदी 7000 रुपए सहित अन्य सामान को बरामद किया। आरोपी रविन्द्र यादव के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया था। विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया। प्रकरण पर विचारण पश्चात न्यायाधीश ने अभियुक्त रविन्द्र यादव उर्फ भीम को दफा 302 के तहत दोषी करार दिया और आजीवन कारावास तथा एक हजार रुपये अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया।