नई दिल्ली । विपक्ष के नेताओं ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जनता दल यूनाईटेड के अध्यक्ष राजीव रंजन ललन सिंह ने कहा कि, हड़बड़ी में कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता समाप्त करने के निर्णय से स्पष्ट हो गया है कि केन्द्र की बीजेपी सरकार बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है और इसकी पूरी पटकथा बीजेपी ने लिखी है। सूरत के सत्र न्यायालय द्वारा अपील के लिए दिए गए एक महीने के समय को दरकिनार करते हुए आनन-फ़ानन में भाजपा सरकार द्वारा लिया गया निर्णय बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। काश केंद्र की सरकार 81000 करोड़ रुपये के कॉरपोरेट घोटाले के विरुद्ध ऐसी ही त्वरित कार्रवाई करती…! संभव है इसकी जांच की मांग का खामियाजा राहुल गांधी को उठाना पड़ा…कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर ने कोर्ट के सजा सुनाने के एक दिन बाद ही त्वरित कार्रवाई पर आश्चर्य व्यक्त किया और इसे राजनीति की सीधी लड़ाई कहा।शशि थरूर ने ट्वीट किया, अदालत के फैसले के 24 घंटे के भीतर और अपील प्रक्रिया में होने के दौरान इतनी तेजी से इस कार्रवाई पर मैं स्तब्ध हूं। यह राजनीति की सीधी लड़ाई है और यह हमारे लोकतंत्र के लिए अशुभ संकेत है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर उसकी तानाशाही को लेकर निशाना साधा। कांग्रेस के दिग्गज नेता ने ट्वीट किया, राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करना तानाशाही का एक और उदाहरण है। बीजेपी ये ना भूले कि यही तरीका उन्होंने इन्दिरा गांधी के खिलाफ भी अपनाया था और मुंह की खानी पड़ी। राहुल गांधी देश की आवाज हैं जो इस तानाशाही के खिलाफ अब और मजबूत होगी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत में विपक्षी नेता बीजेपी का मुख्य निशाना बन गए हैं। ममता बनर्जी ने कहा, पीएम मोदी के नए भारत में विपक्षी नेता बीजेपी का मुख्य लक्ष्य बन गए हैं। जबकि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले बीजेपी नेताओं को कैबिनेट में शामिल किया गया है। विपक्षी नेताओं को उनके भाषणों के लिए अयोग्य घोषित किया गया है। आज हमने अपने संवैधानिक लोकतंत्र का एक नया निम्न स्तर देखा है। आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कांग्रेस के साथ हमारे बहुत मतभेद हैं। जब भी केंद्र ने हम पर हमला किया, कांग्रेस के नेताओं ने ताली तक बजाई। जब उपराज्यपाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर हमला किया, तो उनके नेता अजय माकन ने ताली बजाई थी। अगर केंद्र लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज दबाता है, तो जनता के मुद्दों को कौन उठाएगा? आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा, यह शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है और संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में इससे बड़ा धब्बा कुछ नहीं हो सकता।कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया कि राहुल गांधी की अयोग्यता दिखाती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे डरते हैं। उन्होंने कहा, राहुल गांधी को एक सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है। दो साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद से ही हमें यह संदेह हो गया था। यह किसी की सदस्यता (सदन की) को रद्द करने के लिए आवश्यक है। वे छह महीने या एक साल की जेल की घोषणा कर सकते थे। राहुल गांधी की अयोग्यता को लेकर बीजेपी पर निशाना साधने वाले अन्य कांग्रेस नेताओं में जयराम रमेश और श्रीनिवास बीवी भी शामिल हैं। श्रीनिवास बीवी ने ट्वीट किया- पिछले नौ सालों से बीजेपी को संसद में जिस आवाज़ से सबसे ज्यादा डर लगता था, आज उसको संसद में फिलहाल के लिए खामोश करा दिया गया है। अब सड़कों पर इंकलाब का सैलाब आएगा। ये राहुल गांधी है, जिन्हें खामोश करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। डरपोक तानाशाह शर्म करो। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राहुल गांधी को सांसद पद के लिए अयोग्य घोषित किए जाने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा है कि, लोकसभा से राहुल गांधी को जल्दबाजी में अयोग्य घोषित किया जाना संघ परिवार द्वारा हमारे लोकतंत्र पर चल रहे हमले की ताजा कड़ी है। राहुल गांधी को एक राजनीतिक भाषण के लिए दायर एक मामले में अदालत के फैसले का हवाला देते हुए अयोग्य घोषित कर दिया गया है। विरोध को दबाने के लिए बल प्रयोग का यह एक फासीवादी तरीका है।