नई दिल्ली । कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) का गठन पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नया सिरदर्द साबित हो रहा है। कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की है कि सीडब्ल्यूसी के आधे सदस्य 50 साल से कम उम्र के होने हैं। अब खड़गे को 50 साल से कम उम्र के अनुभवी नेता ढूंढने में परेशानी हो रही है। रायपुर अधिवेशन में कांग्रेस ने युवा कांग्रेस बनाने और 2024 में पूरी ताकत से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। इसके तहत पार्टी के पदों पर 50 फीसदी नेता 50 साल से कम उम्र के नियुक्त करने की घोषणा हुई थी। कांग्रेस पार्टी खुद को जवान बनाने के लिए अब युवा नेताओं की तलाश में हैं, लेकिन पार्टी की फैसला लेने वाली सबसे बड़ी संस्था सीडब्ल्यूसी के लायक युवा नेता मिल ही नहीं रहे हैं।
आलम ये है कि वर्तमान में सीडब्ल्यूसी की जगह जो संचालन समिति काम कर रही है, उसके 46 में से सिर्फ दो सदस्य ही 50 साल से कम उम्र के हैं। जाहिर है पार्टी का फैसला उसके गले की फांस बन रहा है, इसकारण अभी तक सीडब्ल्यूसी का गठन नहीं हुआ है। कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने कहा कि रायपुर अधिवेशन में पार्टी ने कई निर्णयों का ऐलान किया था और उन पर काम हो रहा है। रायपुर में सीडब्ल्यूसी सदस्यों की संख्या 25 से बढ़ाकर 35 कर दी गई थी। इन 35 के अलावा नए नियम के तहत पूर्व पीएम, पूर्व पार्टी अध्यक्ष, लोकसभा और राज्यसभा में पार्टी के नेताओं को सीधे कार्यसमिति का सदस्य मनोनीत किया जाएगा। मतलब मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी और खड़गे पदेन सदस्य बन जाएंगे। इस तरह से ये संख्या 39 हो जाएगी, जिसमें 19 सदस्य 50 साल से कम उम्र के होने हैं। अब खड़गे के सामने अनुभवी और युवा दोनों पैमानों पर खरा उतरने वाले नेताओं को ढूंढने की चुनौती है। यही वजह है की पार्टी के सीडब्ल्यूसी के गठन में देरी हो रही है।