कुछ दिन पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक ने नई मौद्रिक नीति को पेश किया, जिसमें रेपो रेट की दरों को बढ़ा दिया गया है। इसमें कुल 25 बीपीएस की वृद्धि की गई है और अब यह 6.50 प्रतिशत हो गया है।इसका सबसे ज्यादा असर होम लोन की EMI देने वाले लोगों पर पड़ता है। आसान भाषा में कहें तो रेपो रेट के बढ़ने से बैंक होम लोन पर लगने वाले ब्याज को बढ़ा देते है और फिर ग्राहकों को बढ़ी हुई ब्याज दर के साथ EMI का भुगतान करना पड़ता है।फ्लोटिंग ब्याज दर का करें चुनावहोम लोन लेते समय अगर फ्लोटिंग ब्याज दर का चुनाव किया जाता है तो इससे रेपो रेट के बढ़ने का सबसे कम असर पड़ता है। फ्लोटिंग रेट में ब्याज की गणना इसके बेस रेट पर की जाती है ताकि जब बेस रेट में बदलाव हो तो फ्लोटिंग रेट भी बदल जाए। किस तरह बाजार स्थितियों के बदलने के साथ EMI की दरें भी बदल जाती है।