भागवत कथा में स्कूली बच्चों को भेजने बीईओ ने जारी किया आदेश, सियासत गरमाई, सीएम ने कहा पूर्व मंत्री चंद्राकर हो गए है बेचारा

रायपुर (छत्तीसगढ़)। कुरूद के बीईओ द्वारा पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के क्षेत्र में आयोजित भागवत में स्कूली बच्चों को भेजने के आदेश पर सियासत गरमा गई है। मुख्यमंत्री बघेल ने कार्रवाई करते हुए बीईओ को हटा दिया है। वहीं भाजपा इस मुद्दे को लेकर धार्मिक रंग देने का प्रयास करने में जुट गई है। पूर्व मंत्री चंद्राकर ने इसे भागवत का अपमान बताते हुए कहा कि चुनाव में इसका नुकसान कांग्रेस को होगा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम बघेल ने चंद्राकर के प्रति सहानुभूति जारी करते हुए उन्हें भाजपा में बेचारा करार दे दिया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- अजय चंद्राकर के प्रति मेरी पूरी सहानुभूति है। उस बिचारे को न नेता प्रतिपक्ष बनाया गया न संगठन में कोई जगह मिली। विधानसभा में कितना हल्ला – गुल्ला करते हैं। उसके दबाव के चलते उसके घर में भागवत हो रही है। इसलिए बीईओ से आदेश निकलवा लिए। किसी गरीब के घर में भागवत होगी तो आदेश निकलवाएंगे क्या। यहां तो हजारों घर में भागवत हो रही है। क्या बीईओ ऐसा आदेश निकालता है कि गरीब के घर में भागवत हो रहा है उसमें जाएं, नहीं निकाल सकता न, पूर्व मंत्री हैं इसलिए उनके लिए आदेश निकाला है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा- आदेश ऐसा हो जो सबके लिए लागू हो। भागवत का हम विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन केवल पूर्व मंत्री के घर जाकर भागवत सुने बच्चे ? और किसी गरीब किसान के यहां भागवत हो और आदेश न निकले तो ऐसे अधिकारी के साथ क्या करना चाहिए ! हम तो रामायण करवा रहे हैं। भाजपा तो राम के नाम पर वोट मांगती है। राम वन गमन पर्यटन परिपथ उन्हाेंने नहीं बनवाया।

रामायण का आयोजन प्रदेश स्तरीय छत्तीसगढ़ में हो रहा है। ऐसा देश में कहीं नहीं है , तो वो हमको न सिखाएं । वो केवल धर्म को वोट का माध्यम समझते हैं। गाय का उपयोग केवल वोट के लिए करते हैं। धर्म का नाम वोट के लिए लेेते हैं। क्या ऐसा करना शोभा देता है। क्या किसी और बीईओ ने या राज्य सरकार ने पहले ऐसा आदेश निकाला है। सैकड़ों हजारों गांव में हो रहा है भागवत कथा का आयोजन। पीड़ा इस बात की है कि किसान के घर में ऐसी भागवत हो तो बीईओ आदेश निकालेगा क्या, नहीं निकालेगा न, तो मैं किया हूं वो ठीक है या वो जो कर रहा था वो ठीक था।