
रायपुर (छत्तीसगढ़)। राजधानी में आज आयोजित जन अधिकार रैली में कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा भाजपा नहीं चाहती कि जरूरतमंदों को उनका हक मिले और भाजपा के इशारे पर राज्यपाल आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं कर रही है। आरक्षण को कानून बनने से रोक लगाने में भाजपा अहम भूमिका निभाई रही है। वहीं राज्यपाल न तो बिल पर हस्ताक्षर कर रही है और न ही बिल को वापस लौटा रही है। रैली के बाद कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा और बिल पर हस्ताक्षर करने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
कांग्रेस की जन अधिकार रैली में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा, प्रदेश अध्यक्ष मरकाम, स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव समेत कई बड़े नेता शामिल हुए। साल 2023 की शुरुआत में ही ये बड़ा सियासी आंदोलन है। 2 दिसंबर को विधानसभा से आरक्षण विधेयक राजभवन भेजा गया था, अब तक राज्यपाल ने हस्ताक्षर नहीं किए हैं, इसी का विरोध जताने कांग्रेस ने जन अधिकार रैली आयोजित की।

रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि, बीजेपी आरक्षण विरोधी है। संबोधन के दौरान कुमारी शैलजा ने राहुल गांधी की तुलना महात्मा गांधी से की। इधर स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने आरक्षण विधेयक पर कहा कि राज्यपाल को अपना पद छोड़ देना चाहिए। जन अधिकार रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्यपाल ने तो कहा था आप विधेयक भेजिए। 1 मिनट में हस्ताक्षर कर दूंगी, और 1 महीने से भी ज्यादा वक्त बीत गया। मगर अब तक विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं हुए। मैंने कई बार कहा कि राज्यपाल अपनी हठधर्मिता छोड़ें मगर वह राजी नहीं हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हर मोर्चे पर जनता के अधिकार के लिए हम लड़ेंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, भाजपा नहीं चाहती कि आदिवासियों के जीवन में परिवर्तन आए। भाजपा चाहती नहीं कि किसान, मजदूर,अनुसूचित जाति के नौजवान के जीवन में परिवर्तन आए। लेकिन कांग्रेस हमेशा अधिकार की बात करती है। आज आरक्षण के माध्यम से हमारे नौजवान युवकों को अधिकार देने की बात छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है।
उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ की जनता से बदला रहे हैं भारतीय जनता पार्टी लेकिन आपसे कहना चाहता हूं कई संकट छत्तीसगढ़ सरकार के ऊपर लाने की कोशिश की गई जब हम 2500 रुपये क्विंटल धान खरीदने की बात कर रहे थे तो केंद्र सरकार ने अड़ंगा लगाया कि समर्थन मूल्य से ₹1 ज्यादा दिया तो आपका धान नहीं खरीदा जाएगा। लेकिन छत्तीसगढ़ की सरकार ने फैसला किया कि सरकार घाटा खा लेगी लेकिन किसानों को नुकसान नहीं होने देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, कानून से बाहर जाकर हमने कोई काम नहीं किया है। हमने किसी के साथ अन्याय नहीं किया। हमारा रास्ता न्याय और भाईचारे का है। महीना बदल गया,साल बदल गया लेकिन राज्यपाल ने हस्ताक्षर नहीं किया। राज्यपाल न हस्ताक्षर कर रही हैं न विधेयक लौटा रही हैं। भाजपा आरक्षण विरोधी है, किसी को आरक्षण का लाभ न मिल पाए, ये भाजपा की मंशा है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल आरक्षण के विधेयक पर निर्णय नहीं ले पा रही हैं, उन्हें अपने आपको इस जिम्मेदारी भरे पद से अलग कर लेना चाहिए। छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने इस रैली में आरक्षण के मसले पर बोलते हुए कहा- भाजपा की वजह से राजभवन में आरक्षण विधेयक अटक गया है। भाजपा की वजह से लोगों का अधिकार उन्हें नहीं मिल रहा है। मरकाम ने कहा कि भाजपा को 15 सीट से अब 0 सीट पर लाना है। भाजपा ने बस्तर में आग भड़काने का काम किया है, भाई से भाई को लड़ाने का काम किया है।
इस महारैली में शामिल होने प्रदेश के कई जिलों से लोग पहुंचे। मैदान के बड़े हिस्से में हजारों कुर्सियां लगाई गई थी।
कांग्रेस ने इस रैली में 1 लाख लोगों के जुटने का दावा किया है। सभा एक-एक कर कांग्रेस नेताओं ने जनता को संबोधित करते हुए आरक्षण के विधेयक को अटकाने का आरोप भाजपा पर लगाया। कहा कि लोगों को अधिकारी छीनने की कोशिश भाजपा कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि जन अधिकार महारैली में प्रदेश भर से सर्वसमाज के एक लाख से अधिक लोग आ रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी राजभवन की आड़ में राजनीति कर रही है। आरक्षण संशोधन विधेयक में विलंब भाजपा का साफ षड्यंत्र लग रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि सरकार ने सभी संवैधानिक पहलुओं की पड़ताल करके उसका तथ्यात्मक निराकरण करके आरक्षण संशोधन विधेयक बनाया है। जिसे विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस पर राज्यपाल को अविलंब हस्ताक्षर करना चाहिये। अनावश्यक विलंब करने से हर वर्ग को नुकसान हो रहा सभी के हित में यह जरूरी है कि राजभवन विधेयक पर तत्काल निर्णय ले।
