रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट-मुलाकात के माध्यम से 25 वर्षाें से लंबित भू-अर्जन मुआवजे के प्रकरण का आज निराकरण हो गया। मुख्यमंत्री ने 25 वर्षो से भू-अर्जन की मुआवजा राशि का इन्तजार कर रहे बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के 54 किसानों को 6 करोड़ 97 लाख 49 हजार रूपए की मुआवजा राशि का ऑनलाईन भुगतान किया। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के इन किसानों को भू-अर्जन मुआवजा राशि सहित हितग्राहियों को चिटफंड कम्पनी से वसूल की गई राशि और राजस्व पुस्तक परिपत्र के तहत सहायता राशि ऑनलाईन वितरित की।
गौरतलब है कि बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में इस वर्ष मई माह में आयोजित भेंट मुलाकात कार्यक्रम में इन किसानों ने मुख्यमंत्री बघेल से भू-अर्जन मुआवजा की राशि नहीं मिलने की शिकायत की थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने जिले के कलेक्टर को विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं में लंबित भू-अर्जन मुआवजा वितरण के प्रकरणों का त्वरित परीक्षण कर हितग्राहियों को राशि वितरण करने के निर्देश दिए थे। जिसके तारतम्य में आज मुख्यमंत्री ने वर्चुअल कार्यक्रम में किसानों को मुआवजा राशि का वितरण किया।
मुख्यमंत्री बघेल ने आज के कार्यक्रम में भू-अर्जन मुआवजा सहित चिटफंड कम्पनी से वसूली गई राशि और राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 अंतर्गत कुल 2148 हितग्राहियों को 14 करोड़ 35 लाख 47 हजार रूपए की राशि वितरित की। इस राशि में से चिटफंड कंपनियों से ठगी का शिकार हुये 146 नागरिकों को चिटफंड कंपनियों से वसूली गई 11 लाख 49 हजार रूपए और राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 अंतर्गत 1948 हितग्राहियों को 7 करोड़ 26 लाख 49 हजार रूपए की राशि शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में उद्योग मंत्री कवासी लखमा, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह, संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, विधायक गुलाब कमरो, बृहस्पति सिंह, अरुण वोरा, मोहित राम केरकेट्टा, यशोदा वर्मा और मुख्यमंत्री के सचिव अंकित आनंद और रामानुजगंज में संसदीय सचिव चिंतामणी महाराज उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं में अपनी जमीन देने वाले किसान भू-अर्जन मुआवजा राशि मिलने की उम्मीद छोड़ चुके थे। यह खुशी की बात है कि भेंट-मुलाकात में यह प्रकरण सामने आने के बाद आज छह माह बाद किसानों को मुआवजा राशि वितरित की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के लोगों के हर सुख-दुख में उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों की सजगता और निरंतर प्रयासों से इन प्रकरणों की त्वरित जांच कर पात्र हितग्राहियों को मुआवजा राशि का वितरण किया गया। कन्हार अंतर्राज्यीय योजना सोनभद्र, उत्तरप्रदेश का मुआवजा प्रकरण वर्ष 1996-97 से लंबित था। टाटीआथर जलाशय योजना, चेरा व्यपवर्तन योजना और कुर्लूडीह जलाशय योजना की भूअर्जन की राशि का मामला वर्ष 2011-12 का है। आज इन हितग्राहियों को मुआवजा राशि वितरित की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिटफंड कम्पनियों से ठगी का शिकार हुए नागरिकों को उनकी मेहनत की गाढ़ी कमाई वापस दिलाने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। चिटफंड कम्पनियों की सम्पत्ति कुर्क कर नागरिकों को राशि वापस की जा रही है। आज बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के 146 नागरिकों को 11 लाख 49 हजार रूपए की राशि वापस की गई। इसी तरह प्राकृतिक आपदा से पीड़ित जिले के 1948 हितग्राहियों को कुल 7 करोड़ 26 लाख 49 हजार रूपए की सहायता राशि का वितरण किया गया। मुख्यमंत्री ने आज लाभान्वित हुए हितग्राहियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भू-अर्जन मुआवजा राशि प्राप्त ग्राम इंदो के किसान सफीक से चर्चा की। इन्होंने बताया कि वे मुआवजा मिलने की उम्मीद छोड़ चुके थे। जिले में विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं से प्रभावित कृषक सफीक, शरीफ, मोजिबुल रहमान, फिरोज, अफरोज, हदीस, सदीक को 57 लाख 17 हजार 358 रूपये की भू-अर्जन मुआवजा राशि का अंतरण किया गया। राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत मुआवजा राशि प्राप्त सुग्रिव राम ने बताया कि तालाब में डूबने से उनकी माता की मृत्यु हो गई थी, आज उन्हें चार लाख रूपए की सहायता राशि मिली है। इसी तरह चिटफंड कम्पनी से ठगी का शिकार हुई क्लेशियस ने बताया कि उन्होंने चिटफंड कम्पनी में डेढ़ लाख रूपए लगाए थे। आज उन्हें डेढ़ लाख रूपए की राशि वापस मिली।