कवर्धा (छत्तीसगढ़)। कबीरधाम जिले में पत्रकार और RTI कार्यकर्ता की पीट-पीटकर हत्या कर दिए जाने का मामला सामने आया है। आरोपियों ने साथियों के साथ मिलकर उसका शव भी पेट्रोल डाल जला दिया था। इसके बाद पत्रकार के परिजनों को कॉल कर फिरौती मांगी। किसी को शक न हो, इसके लिए पत्रकार के बारे में जानकारी देने वाले को 10 हजार रुपये इनाम भी देने की घोषणा कर दी। पुलिस ने इस मामले में सरपंच सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के मुताबिक, मठपारा निवासी विवेक चौबे (34 वर्ष) अपनी बहन के साथ रहते थे। वह 12 नवंबर को अचानक लापता हो गए। उनके परिचित रुपेश चंद्रवंशी ने 16 नवंबर को गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस जांच में कॉल डिटेल व सीसीटीवी फुटेज से विवेक के 12 नवंबर को चिल्फी के कुंडपानी की ओर जाने का पता चला। वहीं 13 नवंबर को उनका मोबाइल बोड़ला के सुकवापारा में बंद होने की जानकारी मिली। हालांकि विवेक का पता नहीं लगा।
इस बीच विवेक की बहन ने पुलिस को बताया कि उनके पास किसी नंबर से कॉल आया था। कॉल करने वाले ने कहा कि उनका भाई उसके कब्जे में है। उसे छुड़वाने के लिए गहने और नकदी लगेगी। पुलिस ने आए हुए नंबर की जांच की तो पता चला कि कॉल करने वाले ने किसी और का मोबाइल लिया था। इस दौरान पुलिस को पता चला कि बोक्करखार के सरपंच अमित यादव से मिलने के लिए विवेक गया था। पुलिस को अमित पर शक हुआ।
वहीं अमित यादव ने विवेक को लेकर घोषणा कर दी कि उसके बारे में जानकारी देने वाले को 10 हजार रुपये का इनाम देगा। जांच के दौरान पुलिस को धवईपानी से कुंडपानी की ओर जाने वाले रास्ते पर फॉरेस्ट के पेट्रोलिंग कैंप के पास जंगल में राख के ढेर का पता चला। पुलिस वहां पहुंची और वहां से हड्डियां एकत्र की। नरकंकाल होने और जलाए जाने की आशंका से पुलिस ने उन्हें एकत्र कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया।
पुलिस को मुखबिर के जरिए पता चला कि विवेक चौबे की गुमशुदगी में सरपंच अमित का हाथ है। इस पर पुलिस ने संदेह के आधार पर अमित, उसके साथी नंदलाल मेरावी, सुखसागर यादव और जगदीश धुर्वे को हिरासत में लेकर अलग-अलग पूछताछ की। पहले तो आरोपी गुमराह करते रहे। काफी पूछताछ के बाद भी बहाना बना रहे थे। हालांकि बाद में आरोपियों ने विवेक चौबे की हत्या कर शव जलाए जाने की बात स्वीकार कर ली।