जांजगीर-चांपा (छत्तीसगढ़)। उगते सूरज के समय बिखरती सूरज की किरणे हो या फिर अस्त होने के समय सुनहरी रोशनी और बादलों के बीच झिलमिलाती किरणे। हदसेव नदी के बहते पानी में आधा बाहर तो आधा भीतर की ओर डूबा चट्टान जब बाहर से चमकता हुआ दिखाई देता है तो यह देखने वालों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। पानी की धार से तराशे गए इन चट्टानों में सूरज निकलने से लेकर सूरज के डूबने तक चमक ही नहीं होती, नुकीले और धारदार चट्टान कई स्थानों पर किसी को काटने, खरोंच पहुचाने से लेकर उन्हें अपनी गुफानुमा जगहों में कैद करने की क्षमता भी रखती है।
बेशक यह देवरी का पिकनिक स्पॉट ही है, जो जांजगीर-चाम्पा जिले के बलौदा ब्लॉक में है और अपनी खूबसूरती तथा मनोरम दृश्य के लिए सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है।
पर्यटन और सैर सपाटे के इस मौसम में मनोरम दृश्य हमें मजबूर करते हैं कि हम भी मस्ती और मनोरंजन के लिए परिवार तथा दोस्तों के साथ इन जगहों में जाएं। चूल्हा बनाकर आग जलाये, पसंद का खाना बनाये और आसपास के खूबसूरत सा नजारों को देखकर हमेशा के लिए अपनी यादगार तस्वीर कैमरों में कैद करें। मस्ती और मनोरंजन की यह ख्वाहिश यादगार लम्हों में तब तक कैद होती है, जब तक हम ऐसे स्थानों पर सुरक्षित जाये और सुरक्षित लौट आए, वर्ना जरा सी असावधानी और लापरवाही हमें कभी न भूल पाने वाली वह गम दे जाती है, जो किसी के मस्ती और मनोरंजन के समय बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए।
कुछ ऐसा ही हादसा जिले के इस देवरी पिकनिक स्पॉट पर मंगलवार को हुआ। आपस में तय कर 8 नाबालिग छात्र यहां चले तो आए, किसी अनहोनी या हादसों की परवाह किए बगैर पानी में उतरकर नहाने लगे। दूर-दूर तक फैले हुए खतरनाक चट्टानों में पानी कितना है और खतरा कितना है ? इसकी परवाह किए बिना एक के बाद एक दो छात्र पानी में बह गए। देखते ही देखते पानी में समाहित होकर लापता हुए दोनों छात्रों को उनके दोस्त भी बचा नहीं पाए, क्योंकि ऐसे हादसों के वक्त डरना, सहमना लाजमी है और सूझबूझ के साथ कोई उपाय भी दिमाग में नहीं आ पाता।
इस हादसे की सूचना पर अलर्ट हुई प्रशासन और पुलिस, नगर सेना, एसडीआरएफ तथा ग्रामीणों ने रेस्क्यू कर पूरी कोशिश की। दोनों छात्रों को बचाने ढूंढा गया, लेकिन चट्टानों के रेस्क्यू में रोड़ा बनने के बाद भी दो दिनों तक खोजबीन बदस्तूर जारी रहा। आखिरकार जिंदगी और मौत के उम्मीदों के बीच नदी के पानी और चमकते चट्टानों के खोह से 26 और 40 घण्टे बाद दोनों की लाशे ही निकली। इस हादसे में एक परिवार का एकलौता चिराग बुझ गया, वहीं एक परिवार में सबसे बड़ी उम्मीदें भी बिखर गई। अब जो होना था सो हो गया। इसे लापरवाही कहें, हादसा या चूक कहें, लेकिन आगे किसी के साथ ऐसे हादसे न हों, इस दिशा में सतर्क होना भी जरूरी है।
जिले में कई ऐसे पिकनिक स्पॉट है और इन पिकनिक स्पॉट के खूबसूरत नजारे आपको आकर्षित जरूर करेंगे। देवरी का पिकनिक स्पॉट हसदेव नदी के तट पर है और यहां खतरा सिर्फ नदी में उतरकर चट्टानों में जाने और फंसकर फिसल जाने का है। जगह-जगह मौजूद चट्टानें आपको कभी भी हादसों का शिकार बना सकते हैं, इसलिए कोशिश करिये कि आपके बच्चे ऐसी जगहों में न जाए, उसके लिए सचेत रहे। ऐसी जगहों में कुछ सुरक्षा के इंतजाम व सावधानी और सतर्कता आपके खतरे को टालने में बहुत हद तक मददगार बन सकते हैं। खूबसूरती के अनगिनत और दूर-दूर तक फैले सभी स्थलों तक शासन-प्रशासन किसी को तैनात कर पाए, यह भी संभव नहीं है।
आप जहां भी जाए तो आसपास के मनोरम दृश्य को देखे। शांत वातावरण में कलकल, झर-झर बहती पानी की आवाज तो उनकी तरंगों को सुने, बादलों के साथ नीले आसमानों की पानी में बनती तस्वीरों को देखे, चमकते चट्टानों को हीरे के चमक के रूप में दूर से देखे। पक्षियों की चहचहाहट, कलरव को सुने। दूर तक फैले रेत में नंगे पांव चले। गुनगुनी धूप का आंनद लें और कभी धूप लगने पर पेड़ों की छांव में बैठकर देखे। कुछ देर खुद को यहां चलती हवाओं के साथ महसूस करके देखेंगे तो निःसंदेह प्रकृति का अनुपम दृश्य आपकों भावविभोर कर देंगे। प्रकृति ने नदी व पहाड़, झरने, जंगल का मनोरम दृश्य आपके हृदय में खूबसूरती और सुकून का भाव उत्पन्न करने के लिए दिए हैं, न कि ऐसे जगहों में जाकर जोखिम लेने और जिंदगी गंवा देने के लिए दिए हैं।