इंश्योरेंस की रकम दिलाने के नाम ठगी, दिल्ली के गिरोह का दुर्ग पुलिस ने किया पर्दाफाश, 4 सपड़ाए

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। इंश्योरेंस की रकम दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का दुर्ग पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को दिल्ली से अपनी गिरफ्त में लिया गया। आरोपी वहां काल सेंटर संचालित कर इस फर्जीवाड़े का संचालन किया जा रहा था। इस फर्जीवाड़े की शिकायत मोहन नगर थाना में जुलाई 2021 में दर्ज कराई गई थी। शिकायत में ठगी का शिकार हुए सूर्या नगर सिकोला भाठा निवासी प्रभाकर राव दानीकर ने बताया था कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा इन्शोरेंस की राशि दिलाने के नाम पर विभिन्न टैक्स व प्रोसेसिंग चार्ज के नाम पर किश्तों में कुल 16 लाख 15 हजार की वसूली कर धोखाधड़ी की गई है।

मामले की गंभीरता को देखते हुये दुर्ग रेंज आईजी ओपी पाल, तथा एसएसपी बी.एन. मीणा द्वारा घटना के आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी करने के निर्देश दिये मामले में एएसपी सिटी संजय ध्रुव , सीएसपी दुर्ग जितेन्द्र यादव एवं डीएसपी क्राइम नसर सिद्दकी (रा.पु. से) के मार्गदर्शन में सायबर सेल को सम्पूर्ण मामले की तकनीकी विश्लेषण कर मामले के अरोपियों को पकड़ने के लिये निर्देशित किया।
सायबर सेल की टीम द्वारा घटना में मोबाईल नंबरो का विस्तृत जाँच की गई तथा धोखाधड़ी की रकम 16 लाख रूपये के ट्रान्जेक्शन फ्लो की जानकारी सभी संबंधित बैंको से प्राप्त की गई । मामले में इन्शोरेन्स के नाम पर धोखाधड़ी कर ठगने के लिये कॉल सेन्टर के माध्यम से लोगों को ठगी का शिकार बनाये जाने की जानकारी टीम को प्राप्त हुई साउथ दिल्ली के ईलाके से प्रार्थी प्रभाकर राव दानीकर को लगातार पिछले 03 वर्षो से अलग – अलग नम्बरों से कॉल कर ग्रुप इन्शोरेन्स की राशि करीबन 4 लाख मिलना है कहकर अलग – अलग किश्तों में अलग – अलग खातों में रूपये ट्रान्सफर करा लिये । कॉल सेन्टर द्वारा CGIS ( ग्रुप इन्शोरेन्स कम्पनी के नाम से फोन किया गया था । मामले में प्रभाकर राव दानीकर द्वारा ट्रान्सफर की गई रकम दिल्ली के अलग – अलग स्थानों से निकासी की गई थी तथा दिल्ली के ही कुछ खाता धारकों के खातों में रकम ऑन लाईन ट्रान्सफर किये गये थे । सायबर टीम द्वारा मामले की अद्यतन स्थिति से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मोहन नगर टीआई जितेन्द्र वर्मा, साइबर सेल प्रभारी गौरव तिवारी को तत्काल टीम गठित कर संदेहियों के लोकेशन चिन्हित करने का निर्देश दिया गया। एसआई राजीव तिवारी, एएसआई अशोक साहू, हेड कांस्टेबल संतोष मिश्रा, कांस्टेबल जुगनु सिंह, अनुप शर्मा, रिन्कू सोनी, उपेन्द्र यादव, केशव साहू, प्रदीप सिंह को आरोपियों के पतासाजी हेतु रवाना किया गया । टीम द्वारा दिल्ली पहुँच कर आरोपियों के संभावित ठिकानों पर लगातार नजर रखी गई। इसी दौरान टीम को दिल्ली के किलोकारी में किराया लेने के नाम पर आरोपियों के संबंध में पुख्ता जानकारी प्राप्त हुई। आरोपियों के संबंध में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर अलग – अलग 03 टीम बनाकर रेड कार्यवाही की गई। जिसमें साजिद जफर, सलीम जफर, राजू यादव , रंजन कुमार यादव को गिरफ्त में लिया गया।
आरोपियों के द्वारा उपयोग किये जा रहे अलग – अलग बैंक खातों को फ्रिज कर कोटक महिन्द्रा बैंक के खाता में 1 लाख , 24 हजार रूपये , एचडीएफसी बैंक के खाता में 10409 रूपये बैंक ऑफ बड़ोदा बैंक के खाता में 20263 रूपये एवं आईडीएफसी बैंक के खातें में 2 हजार रूपये कुल 1,56,672 रूपये होल्ड कराया गया है । एसएसपी बीएन मीणा ने बताया कि आरोपियों द्वारा संगठित होकर सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लॉयज इंश्योरेंस स्कीम (सीजीआईएस) नाम का दुरुपयोग कर लोगों को इन्शोरेन्स की अधिक रकम मिलने का झांसा दे कर संपर्क किया जाता है। प्रायवेट कम्पनियों से अवैध तरीके से डाटा प्राप्त कर उन्हें पेंशन, परिपक्वता राशि का झांसा देकर अलग – अलग किस्तों में खातों में ट्रान्सफर कर लिये जाते है। प्रारंभिक जाँच में पंजाब, गुजरात, छ.ग., मध्यप्रदेश के लोगों से करोड़ों की ठगी गिरोह द्वारा इसी तरीका ए वारदात से किए जाने का खुलासा हुआ है। सायबर सेल टीम द्वारा अन्य राज्यों से संपर्क स्थापित किया जा रहा है।
इस गिरोह की पतासाजी करने और पुलिस गिरफ्त में लाने के सायबर सेल प्रभारी इंस्पेक्टर गौरव तिवारी , एएसआई शमित मिश्रा , हेड कांस्टेबल चंद्रशेखर बंजीर, कांस्टेबल जावेद हुसैन खान, विक्रांत यदु , थाना मोहन नगर टीआई जितेन्द्र वर्मा की भी सक्रिय भूमिका रही। इस मामले में पुलिस की गिरफ्त में आए साजिद जाफर (29 वर्ष) पता- 138 चतुर्थ फ्लोर किलोकारी विलेज महरानी बाग साउथ दिल्ली, सलीम जफर (36 वर्ष) पता- 141 चतुर्थ फ्लोर किलोकारी विलेज महरानी बाग साउथ दिल्ली, राजू यादव (32 वर्ष) पता 128 बी शाहपूराजाट साउथ दिल्ली, रंजन कुमार यादव (30 वर्ष) पता- 85 डी तैमूर नगर एक्ट्रेशन साउथ दिल्ली के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की है।