नई दिल्ली, 21 अप्रैल 2025: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज नई दिल्ली स्थित नॉर्थ ब्लॉक में केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह से मुलाकात की। इस बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई। साथ ही नक्सलवाद के उन्मूलन, बस्तर के समग्र विकास और राज्य में सुरक्षा और न्याय तंत्र को और मजबूत बनाने पर भी विचार-विमर्श किया गया। बैठक में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री श्री विजय शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
बैठक में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके अलावा, पुलिस, जेल, अदालतों, अभियोजन और फोरेंसिक से संबंधित नए प्रावधानों के कार्यान्वयन की स्थिति की भी समीक्षा की गई।

मुख्यमंत्री श्री साय ने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ में नए आपराधिक कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए प्रशासनिक और तकनीकी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। राज्य में 27 प्रकार की एसओपी (Standard Operating Procedures) और दिशा-निर्देश लागू किए गए हैं, और अब तक 37,385 पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इसके अलावा, न्यायालयों, पुलिस थानों और जेलों को ई-साक्ष्य और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम से लैस किया गया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि नक्सल समस्या के स्थायी समाधान के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं, जैसे नियद नेलानार योजना, बस्तर ओलंपिक, महिला सुरक्षा केंद्र, और आदिवासी क्षेत्रों में होमस्टे और पर्यटन ढांचे का विकास। इन प्रयासों से राज्य में नक्सलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है, और नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और बस्तर को भारत के प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है।
गृह मंत्री श्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा कि नए कानूनों का उद्देश्य न्याय प्रक्रिया को साधारण, तेज़ और जनोन्मुखी बनाना है। उन्होंने राज्य सरकार से इन कानूनों को शत प्रतिशत लागू करने की अपेक्षा जताई।
