दुर्ग (छत्तीसगढ़)। गांजा के अवैध कारोबार के आरोप में पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपियों के खिलाफ अदालत ने फैसला दिया है। मामले के दो आरोपियों को अदालत ने 2-2 वर्ष के सश्रम कारावास व एक-एक हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस एक्ट) विवेक कुमार वर्मा की अदालत में आज सोमवार को सुनाया गया। प्रकरण पर अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजय कसार ने पैरवी की थी। इस मामले के एक अन्य आरोपी के नाबालिग होने के कारण उसके प्रकरण पर बाल न्यायालय में विचारण किया जा रहा है।
मामला भिलाई भट्ठी थाना क्षेत्र का है। पुलिस को भिलाई के सैक्टर 01 के बचत चौक के पास अवैध गांजा की बिक्री करने की फिराक में तीन लोगों के घूमने की सूचना मिली थी।09 मार्च 2018 की दोपहर सूचना के आधार पर पुलिस ने तीनों संदेहियों को कब्जे में लेकर तलाशी की गई थी। तलाशी में उनके पास से कुल 12 किलो 210 ग्राम का गांजा अलग-अलग पैकट में मिला था। इस कार्रवाई के दौरान खुर्सीपार निवासी विजय कहार के पास से 4 किलो 70 ग्राम तथा लोकेश राव उर्फ गोलू के पास से 4 किलो 70 ग्राम गांजा जब्त किया गया। वही एक अन्य आरोपी के पास से 4 किलो 80 ग्राम गांजा बरामद किया गया था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहथ कार्रवाई कर प्रकरण को विचारण करने पेश किया था। विवेचना के दौरान मामले के अन्य आरोपी नाबालिग होने की पुष्टि होने पर प्रकरण को बाल न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
जिला न्यायालय में प्रस्तुत प्रकरण पर विचारण के पश्चात दोनों आरोपियों को गांजा की बिक्री करने अवैध रूप से संग्रहित रखने के आरोप में दोषी करार दिया गया। मामले के आरोपी विजय कहारे को एनडीपीएस एक्ट की धारा 20(ख)(ii)(ब) के तहत 2 वर्ष कारावास व एक हजार रुपए के अर्थदण्ड तथा लोकेश राव उर्फ गोलू को भी दो वर्ष कारावास व एक हजार रुपए के अर्थदण्ड से किए जाने का फैसला विशेष न्यायाधीश विवेक कुमार वर्मा ने सुनाया है।

