रायपुर (छत्तीसगढ़)। बिलासपुर के सीपत थाना क्षेत्र में हाईटेंशन तार के करंट की चपेट में आने से एक छात्र की मौत हो गई। वह गांव में रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में मजदूरी करता था। यहां तालाब गहरीकरण का काम चल रहा है और बांध के ऊपर से हाईटेंशन तार गुजरा है। गांव के सरपंच ने विद्युत वितरण कंपनी को पहले ही इसकी सूचना दे दी थी। लेकिन, विभाग ने खंभा हटाने कोई ध्यान नहीं दिया। इसके चलते मजदूर युवक की जान चली गई।
ग्राम उनी निवासी अभिषेक यादव (22) पुत्र नरेश यादव सीपत के गवर्नमेंट कॉलेज में बीकॉम अंतिम वर्ष का छात्र था। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह गांव में चल रहे मनरेगा के काम में सुपरवाइजर का काम करता था। गुरुवार सुबह वह तालाब गहरीकरण का काम करने गया था। वह तालाब के बांध तरफ चढ़ गया। तालाब से मिट्टी निकाल कर बाहर रखी गई है। इसके चलते बांध की ऊंचाई ज्यादा हो गई है। इसके चलते हाईटेंशन तार बांध तक पहुंच गया है। अभिषेक को ऊपर से बिजली तार गुजरने का ध्यान ही नहीं रहा और वह तार में प्रवाहित करंट की चपेट में आकर बुरी तरह से झुलस गया।
जिस समय यह घटना हुई, वहां तालाब में मजदूर काम कर रहे थे। उन्होंने अभिषेक को करंट की चपेट में आकर झुलसते देखा। घबराए मजदूरों ने इस घटना की जानकारी गांव के सरपंच नरेश साहू को दी। गांव के सरपंच मजदूरों के साथ मिलकर उसे इलाज के लिए सीधे CIMS अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन, यहां पहुंचते तक उसकी मौत हो गई थी। इस घटना की सूचना पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सरपंच रमेश कुमार साहू ने आरोप लगाया है कि मनरेगा के तहत काम शुरू करने के पहले तालाब के ऊपर से जा रहे हाईटेंशन तार को लेकर विद्युत वितरण कंपनी को खंभा हटाने के लिए आवेदन पत्र दिया गया था। बावजूद उसे नहीं हटाया गया। ऐसे में तालाब की मिट्टी बाहर बांध में निकालने के बाद ऊंचाई बढ़ गई। लेकिन, विभाग के अफसरों ने ध्यान नहीं दिया और उनकी लापरवाही से छात्र की जान चली गई। सरपंच ने बताया कि खंभा हटाने में विलंब होने के कारण गहरीकरण का काम शुरू कर दिया गया।
