रायपुर (छत्तीसगढ़)। राजधानी नवा रायपुर में किसानों के 3 जनवरी से जारी आंदोलन के खत्म होने के आसार नजर आ रहे हैं। सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों की 8 में से 6 मांगे भूपेश सरकार ने मान ली है। दो मांगों पर गतिरोध बना हुआ है। इसकी जानकारी कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने दी।
मंत्री रविंद्र चौबे ने जानकारी देते हुए बताया कि किसानों की 8 मांगों को लेकर मंत्रिमंडलीय उप समिति के मंत्रियों के बीच अनौपचारिक चर्चा हुई है। मांगों को लेकर कई बिंदुओं पर सरकार सहमत है। 8 में से 6 मांग सरकार ने मान ली है। जल्द इसे लेकर आदेश जारी किया जाएगा। उन्होने किसानों से आंदोलन समाप्त करने की अपील की है।
बता दें कि किसानों की यह मांग साल 2005 में जमीन अधिग्रहण के बाद से लगातार चल रही है। 2010 तक किसानों को नियमानुसार उनकी मांग पूरी करने का आश्वासन दिया जाता रहा। मगर 5 सालों बाद भी मांग पूरी नहीं होने से नाराज किसानों ने 2010 में आंदोलन की शुरुआत की। 2010 से शुरू हुआ किसान आंदोलन 2022 तक अलग-अलग स्वरूपों में जारी है।
इन मांगों पर बनी सहमति –
जहां बसाहट वहां आवासीय पट्टा दिया जाएगा
-भू-स्थापितों और भूमिहीनों को भूखंड दिया जाएगा
देय वार्षिक के ऑडिट आपत्ति का निराकरण किया जाएगा
शिक्षित बेरोजगारों को प्राधिकरण की सेवाओं में नौकरी में 60 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा
गुमटी, चबूतरा-दुकान लॉटरी के माध्यम से लागत मूल्य पर दिया जाएगा
भूखंड खरीदी-बिक्री प्रतिबंध 13 गांवों से हटाया गया
कुल 41 में से 27 गांव को एनओसी से मुक्त किया गया
इन पर बना हुआ है गतिरोध
प्रभावित क्षेत्र के प्रत्येक वयस्क (18 साल से ऊपर) को 1200 वर्ग फीट विकसित भूखण्ड अविलंब दिया जाए
भुअर्जन में मुआवजा नहीं लिए है सिर्फ ऐसे भूमियों पर चार गुणा मुआवजा लागू किया जाए।