दुर्ग (छत्तीसगढ़)। अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई करने गई पुलिस टीम पर कुल्हाड़ी से हमला करने वाले आरोपी को अदालत द्वारा कारावास व अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। आरोपी को अदालत ने शासकीय कार्य में बाधा डालने का दोषी करार दिया है। यह फैसला अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में सुनाया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक प्रदीप नेमा ने पैरवी की। इस मामले में अदालत द्वारा आरोपी को जानलेवा हमले के आरोप से दोषमुक्त किए जाने पर अपर लोक अभियोजक नेमा ने असंतोष जाहिर करते हुए उच्च न्यायालय में अपील किए जाने की बात कही है।
मामला बोरी थाना क्षेत्र के ग्राम हिर्री का है। घटना 1 अक्टूबर 2017 की शाम की है। अवैध रूप से शराब परोसे जाने की सूचना पर थाना प्रभारी बसंत खलको के नेतृत्व में पुलिस टीम ग्राम हिर्री के फैमली ढाबा में पहुंची थी। मौके पर पहुंच कर पुलिस ने खोजबीन प्रारंभ की। जिस पर ढाबा में मौजूद संजय दुबे नाराज हो गया और कार्रवाई का विरोध करने लगा। जिसके बाद भी कार्रवाई नहीं रोके जाने पर संजय ढाबे में रखी कुल्हाड़ी लेकर आ गया और टीम में शामिल कांस्टेबल भीष्म करैत पर वार कर दिया। इस वार को रोकने के प्रयास में कांस्टेबल का हाथ जख्मी हो गया। जिसके बाद आरोपी ने कुल्हाड़ी से टीआई खलको पर भी जान लेने की नियत से वार किया, लेकिन उन्होंने आरोपी पकड़ लिया। जिसके बाद ढाबा की ली गई तलाशी में मौके से 32 पौवा अंग्रेजी शराब के जब्त किए गए। आरोपी के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी। इसी मामले एसपी के निर्देश पर पुलगांव टीआई नरेश पटेल द्वारा आरोपी संजय दुबे (39 वर्ष) के खिलाफ दफा 186, 332, 353 तथा 307 के तहत अभियोग पत्र पेश किया था। जिस पर फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश ने अभियुक्त को 332 तथा 353 के तहत दोषी करार देते हुए कारावास व अर्थदण्ड से दंडित किया। वहीं अभियोजन पक्ष जानलेवा हमला किए जाने के आरोप को सिद्ध नहीं कर पाया। जिसके चलते अभियुक्त को दफा 307 के आरोप से दोषमुक्त कर दिया गया।

