रायपुर (छत्तीसगढ़)। प्रदेश के दुर्ग जिले के ओटेबंद गांव में धर्मांतरण के लिए ईसाई मिशनरियों के पहुंचने पर हंगामे के बाद राज्यपाल अनुसूईया उइके ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एक पत्र लिखा है। पत्र में लिखा है कि जबरन धर्मांतरण की शिकायतों पर कानूनी कार्रवाई होनी ही चाहिए। उन्होंने शासन को और मुख्यमंत्री को इन मामलों में उचित कदम उठाने की बात कही है। राज्यपाल ने जबरन धर्मांतरण को कानूनन अपराध बताया है। धर्मांतरण को लेकर दिए गए राज्यपाल के बयान के बाद सियासत तेज़ हो गई है। भाजपा जहाँ एक बार फिर धर्मांतरण पर मुखर हो गई है, वहीं कांग्रेस भाजपा पर अवसर की राजनीति करने का आरोप लगा रही है।
राज्यपाल अनुसूईया उइके ने कहा कि धर्मांतरण पर पहले ही कानून बना है। कोई भी व्यक्ति किसी का जबरन धर्मांतरण नहीं करा सकता। अगर इस तरह की कोई शिकायत आती है, कि कोई जबरन, प्रलोभन या लालच देकर धर्मांतरण करवा रहा है तो निश्चित रूप से उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
सरकारी संरक्षण में हो रहा धर्मान्तरण : भाजपा
भाजपा ने राज्यपाल के बयान का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश भर के थानों में तथ्यों के साथ शिकायत देने के बाद भी सरकार कार्रवाई नहीं कर रही है। प्रदेश में धर्मांतरण को सरकारी संरक्षण मिला हुआ है।
भाजपा शासनकाल में मिला धर्मान्तरण को प्रोत्साहन : कांग्रेस
वहीं कांग्रेस ने आरोप को दोहराते हुए कहा कि सबसे ज्यादा धर्मांतरण को संरक्षण भाजपा ने ही दिया है। भाजपा के समय में ही सबसे ज्यादा चर्च बने, प्रदेश की कांग्रेस सरकार लगातार इस गैर क़ानूनी धर्मांतरण पर कार्रवाई कर रही है। भाजपा सिर्फ अपनी राजनीति की दुकान चलाने के लिए ऐसे बयान दे रही है।