नई दिल्ली। नारद स्टिंग केस में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जज ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने सुनवाई से खुद को अलग कर लेने से अब दूसरी बेंच सुनवाई करेगी। ममता ने कलकत्ता हाई कोर्ट के नारद स्टिंग केस में हलफनामा दाखिल करने के लिए इजाजत नहीं देने के आदेश को चुनौती दी है। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने ममता और पश्चिम बंगाल के कानून मंत्री मलय घटक द्वारा दायर अलग-अलग अपीलों पर सुनवाई की है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह मलय घटक द्वारा दायर अपील पर 22 जून को सुनवाई करेगा। कोर्ट ने 18 जून को कोलकाता हाईकोर्ट से अनुरोध किया था वह शीर्ष अदालत द्वारा आदेश के खिलाफ राज्य सरकार और घटक की याचिका पर विचार करने के एक दिन बाद मामले की सुनवाई करे। कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा मामले में हलफनामा दायर करने की इजाजत देने से मना करने के बाद ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। ममता बनर्जी को इस मामले में पक्षकार बनाया गया था। सीबीआई ने पिछले माह तृणमूल कांग्रेस के चार मंत्रियों को गिरफ्तार किया था और वह सीबीआई कार्यालय पहुंची थीं।
पिछले महीने, नारद घोटाले में टीएमसी के चार मंत्रियों फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। यह मामला एक स्टिंग ऑपरेशन से संबंधित है, जिसे आमतौर पर नारद स्टिंग ऑपरेशन के रूप में जाना जाता है। इसमें ये पूर्व सरकारी कर्मचारी स्टिंग करने वाले शख्स सैमुअल से अवैध रूप से रिश्वत लेते हुए कैमरे में कैद हो गए थे।