चुनाव आयोग को मद्रास हाइकोर्ट की फटकार, कहा मतगणना का दे ब्लूप्रिंट अन्यथा लगा देंगे रोक

नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण का कहर जारी है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच विधानसभा चुनाव कराये जाने को लेकर चुनाव आयोग सवालों के घेरे में है। इस स्थिति के लिए मद्रास हाइकोर्ट चुनाव आयोग की कड़ी आलोचना की है। कोर्ट
 ने कोरोना महामारी के दौरान राजनीतिक रैलियों की अनुमति देने के लिए सोमवार को चुनाव आयोग की कड़ी आलोचना की। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी ने चुनाव आयोग के वकील से कहा कि आपकी संस्था एकल रूप से कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार है। कोर्ट ने कहा कि यदि मतगणना का ब्लूप्रिंट नहीं रखा जाता है तो कोर्ट मतगणना पर रोक लगा देगी।
कोरोना के केस बढ़ने के बीच चुनाव अभियान की मंजूरी देने के लिए कड़ी आलोचना करते हुए मद्रास हाइकोर्ट ने कहा कि कोविड की दूसरी लहर के लिए अकेले आपकी संस्था (चुनाव आयोग) जिम्मेदार है। आपके अधिकारियों को संभवतः हत्या के आरोप में बुक किया जाना चाहिए।  
उच्च न्यायालय ने कहा कि कोर्ट के आदेशों के बावजूद चुनाव आयोग चुनाव अभियान के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग जैसे कोविड सेफ्टी नियमों को लागू करने में नाकाम रहा। चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी ने सवाल किया कि जब चुनाव रैलियां आयोजित होती थी तो क्या आप दूसरे ग्रह पर होते थे।
हाईकोर्ट ने मतगणना वाले दिन यानी 2 मई को कोविड नियमों को लागू करने की योजना के बारे में भी शुक्रवार तक बताने को कहा है। न्यायालय ने कहा कि इसकी जानकारी नहीं देने पर मतगणना को रोका भी जा सकता है।
कोर्ट ने कहा कि लोगों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है और संवैधानिक अधिकारियों को इस बात को याद रखना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि कोई नागरिक जब जीवित रहेगा तब ही वह उन अधिकारों का इस्तेमाल कर सकेगा जिसका गारंटी एक लोकतांत्रिक गणराज्य देता है।