दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिले में कोरोना संक्रमण से मौतों के बढ़ते आंकड़ों के लिए जिला प्रशासन ने मरीजों की लापरवाही को जिम्मेदार बताया है। प्रशासन की ओर जारी बयान में कहा गया है कि संक्रमित होने पर मरीज व उसके परिजन इसे गंभीरता से नहीं लेते है और अस्पताल में दाखिले से परहेज करते हैं। घरेलू इलाज पर ज्यादा ध्यान देते हैं। मरीज की हालत अधिक बिगड़ने पर अस्पताल पहुंचते हैं, जिससे उनकी रिकवरी की संभावना कम हो आती है।
जारी बयान में बताया गया है कि कोविड से डेथ का बड़ा कारण यह है कि लोग बिना चिकित्सक के राय के फैसले ले रहे हैं। इस पर गाइडलाइंस हैं और इसे मेडिकल विशेषज्ञों ने बनाया है कि किस बिंदु पर मेडिकल सुपरविजन जरूरी हो जाता है। 94 से कम आये तो मरीज को तुरंत हॉस्पिटल ले जाने का निर्णय परिजनों को करना चाहिए।
इन कारणों से भी अस्पताल दाखिला जरूरी
- कोविड में ऑक्सीजन लेवल को बनाये रखना है। गिरता हुआ ऑक्सीजन फेफड़ों को डैमेज करता है। घर मे ऑक्सीजन की सुविधा होती नहीं है।
- ऑक्सिजन की जरूरत क्रिटिकल स्थिति के मुताबिक बदलती रहती है। घर में यह हो तो भी इसका निर्धारण कैसे करेंगे।
- स्टेरॉयड्स और एंटीबायोटिक की डोज का निर्णय लेने के लिए भी अस्पताल जरूरी है।