यातायात प्रबंधन में डिजिटल टेक्नोलॉजी के उपयोग से यूपी और बेंगलुरु में ई-चालान प्रणाली ने क्रांति ला दी है। यह प्रणाली न केवल पारदर्शिता और कुशलता सुनिश्चित करती है, बल्कि भ्रष्टाचार और मानवीय त्रुटियों को भी कम करती है।
यूपी में ई-चालान का प्रभाव
उत्तर प्रदेश में ई-चालान प्रणाली ने यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना लगाने की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बना दिया है। सीसीटीवी कैमरे और अन्य उन्नत तकनीकों की मदद से ओवरस्पीडिंग और गलत पार्किंग जैसे मामलों में चालान तुरंत जारी किए जा रहे हैं।
बेंगलुरु में ई-चालान का उपयोग
बेंगलुरु में ई-चालान प्रणाली ने चालान भुगतान और संग्रहण के समय को काफी हद तक घटा दिया है। इस डिजिटल प्रणाली से यातायात प्रबंधन टीम को सड़क सुरक्षा और चालान संग्रहण में मदद मिल रही है।
डिजिटल भुगतान की सुविधा
ई-चालान प्रणाली से वाहन चालक अब ऑनलाइन ही चालान का भुगतान कर सकते हैं। यूपीआई, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, और नेट बैंकिंग जैसे विकल्पों ने इसे बेहद सुविधाजनक बना दिया है।
आंकड़ों पर एक नजर
हाल ही में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 11 दिसंबर 2024 तक उत्तर प्रदेश में 4,40,03,150 चालान जारी किए गए, जिनसे ₹24,95,18,72,926 का राजस्व संग्रह किया गया। वहीं, कर्नाटक में 2,79,957 चालान के माध्यम से ₹5,28,61,700 का राजस्व प्राप्त हुआ है।
ई-चालान प्रणाली ने यातायात नियमों के अनुपालन में सुधार लाने के साथ-साथ डिजिटल भारत अभियान को भी बढ़ावा दिया है।