छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार पर 2897 बच्चों की नौकरी छीनने का आरोप लगाया है। बघेल ने कहा कि यह सरकार राज्य के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
न्यायालय के आदेश पर सवाल
भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार ने न्यायालय के फैसले के बाद बच्चों की नौकरी छीनी, जबकि सरकार कैबिनेट में इस फैसले को बदल सकती थी। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री खुद आदिवासी वर्ग से हैं, इसके बावजूद उन्होंने इन बच्चों के हित में कोई कदम नहीं उठाया। सरकार उन बच्चों को अभी भी नौकरी दे सकती है।”
आधे से ज्यादा प्रभावित बच्चे आदिवासी
बघेल ने बताया कि जिन 2897 बच्चों की नौकरी छीनी गई है, उनमें आधे से ज्यादा बच्चे आदिवासी हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को न्यायालय में बच्चों के पक्ष में खड़े होना चाहिए था, लेकिन सरकार ने चुप्पी साध ली, जिससे इन बच्चों का भविष्य अंधकार में पड़ गया।
भर्ती प्रक्रिया पर सफाई
भूपेश बघेल ने कहा कि यह भर्ती कांग्रेस सरकार के समय शुरू हुई थी, लेकिन भाजपा सरकार ने भी अपने कार्यकाल में इस भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा, “अगर भाजपा ने खुद इन बच्चों को भर्ती किया था, तो अब उन्हें हटाने का कोई औचित्य नहीं है।”
सरकार के पास विकल्प मौजूद
बघेल ने सवाल किया कि जब कैबिनेट ने पहले भी कई फैसले बदले हैं, तो इस बार क्यों नहीं? उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मांग की कि इस फैसले को तुरंत बदला जाए और बच्चों को उनकी नौकरी वापस दी जाए।