पारिवारिक विवाद में पत्नी की हंसिया मार कर ली जान, शव को जलाया, उम्रकैद

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पारिवारिक विवाद के चलते अपनी पत्नी के सिर पर हंसिया से वार कर हत्या करने तथा शव को जलाने का प्रयास के मामले में न्यायालय द्वारा आरोपी पति के खिलाफ फैसला सुनाया है। घटना से कुछ दिन पहले ही पति अपनी पत्नी को मनाकर मायके से घर वापस लाया था। इस मामले में अभियुक्त को आजीवन कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला न्यायाधीश अजीत कुमार राजभानू की अदालत ने सुनाया है। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक छन्नुलाल साहू ने पैरवी की थी।
घटना पुरानी भिलाई थाना अंतर्गत ग्राम घुघवा की है। ग्रामवासी सहदेव साहू का प्राय: अपनी पत्नी देवमती साहू के साथ विवाद होता रहता था। विवाद के दौरान सहदेव द्वारा उसके साथ मारपीट भी की जाती थी। जिससे परेशान होकर देवमती अपनी तीन वर्ष की बेटी को लेकर मायके ग्राम डूमर चली गई थी। घटना से 10-12 दिन पहले सहदेव उसे समझाबुझाकर घर लाया था। जिसके बाद उनमें फिर से कलह प्रारंभ हो गई थी। 8 सितंबर 2018 की सवेरे सहदेव ने विवाद के चलते अपनी पत्नी के सिर पर हंसिया के कई वार कर दिए। जिससे उसकी मौत हो गई। जिसके बाद घटना को आत्महत्या का रुप देने के लिए शव पर मिट्टी डालकर आग लगा दी। घर से धुंआ उठते देख गांव वाले मौके पर पहुंचे। जिसके बाद घटना की उन्हें जानकारी हुई।
आरोपी को बांध दिया था खंबे से
मौके पर ग्रामाणों के पहुंचने पर सहदेव भागने का प्रयास करने लगा। जिसे गांव वालों ने पकड़कर लिया और खंबे से बांध दिया था। जिसके मामले की शिकायत कर उसे पुलिस के हवाले किया था। इस मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दफा 302, 201 के तहत जुर्म दर्ज किया था। प्रकरण की विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया गया था।
अदालत ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
प्रकरण पर विचारण न्यायाधीश अजीत कुमार राजभानू की अदालत में किया गया। विचारण पश्चात न्यायाधीश ने पाया कि अभियुक्त सहदेव साहू ने अपनी पत्नी की हत्या की है और साक्ष्य छुपाने के लिए शव को जलाने का प्रयास किया। आरोपी को दोषी करार देते हुए दफा 302 के तहत आजीवन कारावास व एक हजार रु. अर्थदंड तथा दफा 201 के तहत 7 वर्ष कारावास व एक हजार रु. के अर्थदंड से दंडि़त िकए जाने का फैसला सुनाया। सभी सजाएं साथ साथ चलेगी। घटना में गिरफ्तारी के बाद से फैसला सुनाए जाने तक अभियुक्त सहदेव साहू जेल में ही निरुद्ध है।