दुर्ग (छत्तीसगढ़)। कारोबारी का अपहरण कर नकली जेवरों व कार की लूट की वारदात को अंजाम देने वाले दो युवकों को न्यायालय द्वारा कुल 8 वर्ष के कारवास से दंडि़त किया गया है। मामले का एक अन्य आरोपी अभी भी फरार है। यह फैसला जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव की अदालत में सुनाया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक बालमुकुंद चंद्राकर ने पैरवी की थी।
घटना को 31 अक्टूबर 2017 की रात भिलाई सेक्टर 10 में अंजाम दिया गया था। आर्टिफियल जेवर का व्यापार करने वाला कारोबारी दुष्यंत साहू खरीदार कर भिलाई सेक्टर 10 मार्केट से मारुती आर्टिका कार क्र. सीजी 07-ए डब्लू-1062 पर सवार होकर लौट रहा था। इसी दौरान रास्ते में दो युवकों ने उसे रोका और डराधमका कर अपने कब्जे में कर लिया। जिसके बाद दुष्यंत को कार सहित अपहरण कर नगपुरा रोड़ स्थित ग्राम महमरा ले गए। जहां उसे बांध कर छोड़ दिया और कार के साथ उसमें रखे नकली जेवरों को लेकर फररा हो गए। घटना की रपट पीडि़त द्वारा भिलाई नगर थाना में दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर दफा 120 बी, 365, 392, 394, 397 के तहत जुर्म दर्ज कर मामले की पड़ताल प्रारंभ की थी। पड़ताल में इस वारदात को अंजाम देने में तालपुरी भिलाई में निवास कर रहे वीरेन्द्र उर्फ वीर सिंह, अफसर खान व तौहिद खान की भूमिका उजागर हुई। पुलिस ने इस वारदात में प्रयुक्त मोटरसायकिल क्र. सीजी 13-एफ-4464 को जब्त किया। मामले के दो आरोपी वीरेन्द्र व अफसर को 5 नवंबर 2017 को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया, जबकि तौसिफ खान फरार होने में सफल रहा, जो अब तक पुलिस पकड़ से दूर है। आरोपियों की निशानदेही पर लूट का सामान जब्त कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया था।
प्रकरण पर विचारण जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव की अदालत में किया गया। विचारण पश्चात अदालत ने दोनों आरोपियों को लूट के आरोप में दफा 392 तथा लूट के उद्देश्य से अपहरण करने की धारा 365 के तहत दोषी करार दिया गया। अभियुक्तों को दफा 392 के तहत 5 वर्ष सश्रम कारावास व 100 रु. अर्थदंड तथा दफा 365 के तहत 3 वर्ष सश्रम कारावास एवं 100 रु. अर्थदंड से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। सभी सजाएं साथ साथ चलेगी।