दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिला एवं सत्र न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजेश श्रीवास्तव ने आज केन्द्रीय जेल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने 80 वर्ष से अंधिक उम्र के बंदियों पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनके स्वास्थ पर विशेष ध्यान दिया जाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने पुरूष एवं महिला सभी बैरकों में जाकर विचाराधीन और सजायाफ्ता बंदियों से मुलाकात की और उनकी समस्या सुनी। केन्द्रीय जेल में बंदियों द्वारा बताई गई समस्या के संबंध में पूछताछ की गई।
बता दें कि महिला जेल में कुल 6 नाबालिक बच्चे हैं जो महिला कैदी के संरक्षण में है। उन बच्चों की पढाई सुनिश्चित करने के लिए कार्य किए जाने का निर्देश न्यायाधीश श्रीवास्तव ने दिए।
निरीक्षण में कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए जेल में की गई व्यवस्था की उन्होंने जानकारी ली। इसके अलावा नवीन बंदी जो जेल में प्रवेश करते है उनके लिए कोविड-19 के संबंध में स्वास्थ्य चिकित्सा परीक्षण की व्यवस्था और बंदियों को मास्क दिया गया है अथवा नही यह भी देखी गई। बंदियों के मध्य सोशल डिस्टेसिंग रखा जा रहा है अथवा नहीं इसकी भी जांच की गई। बंदियों के सामान का निरीक्षण किया गया जिसमें कोई आपत्तिजनक वस्तु अथवा नशा से संबंधित वस्तुएं नहीं पाई गई । बंदियों को दिए जाने वाले भोजन की जॉच की गई भोजन की गुणवत्ता देखी गई तथा भोजन की सामग्री को देखा गया। बंदियों को दिए जानेे वाले भोजन को संतोष जनक पाया गया। बंदियों के बैरक में साफ सफाई में कमी पाई गई।
बंदियों को बताया गया कि कोविड संकम्रण अवधि में न्यायालय में प्रकरणों की सुनवाई नही हो पा रही थी परंतु आज की परिस्थिति में विचाराधीन बंदियों के प्रकरणों की सुनवाई विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्मय से की जा रही है।
स्वास्थ्य व साफ-सफाई में सुधार के निर्देश
जिला न्यायाधीश ने जेल अधीक्षक के साथ बैठक की और उन्हें निरीक्षण में पाई गई कमियों और अव्यवस्थाओं की जानकारी दी गई। न्यायाधीश ने तत्काल कार्यवाही करते हुए बंदियों के स्वास्थय व अन्य सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जेल में साफ सफाई का विशेष ध्यान दिये जाने का निर्देश जेल प्रशासन को दिया गया। इस दौरान सीजेम मोहन सिंह कोर्राम, सचिव राहुल शर्मा भी उपस्थित रहे।