रायपुर (छत्तीसगढ़)। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए नया साल एक सुखद संदेश लेकर आया है। इस महामारी से बचाव के लिए टीकाकरण की व्यवहारिक तैयारियों को आज प्रदेश के सात जिलों में परखा गया। इस दौरान आपात स्थिति से निपटने के तरीकों का भी पूर्वाभ्यास किया गया। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने राजधानी रायपुर के पुरानी बस्ती स्थित सरस्वती प्राथमिक शाला में ड्राई-रन का निरीक्षण किया। उन्होंने इस दौरान आने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने ड्राई-रन में शामिल मितानिनों से भी चर्चा की। सिंहदेव ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पूरी प्रक्रिया सटीक तरीके से सम्पन्न करने के निर्देश दिए। उन्होंने आज सात जिलों में हुए कोरोना वैक्सीनेशन के मॉकड्रिल पर संतोष जाहिर किया।
मॉकड्रिल के लिए अप्वाइंटमेंट के तहत पूर्व से पोर्टल में रजिस्टर्ड 25-25 स्वास्थ्य कर्मियों को टीकाकरण के लिए आज बुलाया गया था। वैक्सीनेशन हेतु निर्धारित सभी सेशन साइट पर पांच वैक्सीनेशन अधिकारी व एक वैक्सीनेटर नियुक्त किए गए थे। इनके द्वारा हितग्राही के आईडी कार्ड, को-विन पोर्टल में नाम, डॉटा मिलान आदि के बाद ही हितग्राही को वैक्सीनेशन कक्ष में भेजा गया जहां वैक्सीनेटर द्वारा उनका टीकाकरण किया गया। वैक्सीन लगाने के बाद पृथक कक्ष में आधे घंटे तक निगरानी में रखने के बाद उन्हें केन्द्र से जाने दिया गया। निगरानी कक्ष में भी वैक्सिनेशन ऑफ़िसर की ड्यूटी लगायी गयी थी।
प्रदेश के सात जिलों रायपुर, सरगुजा, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव, बस्तर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के विभिन्न केंद्रों में आज कोरोना वैक्सीनेशन के लिए ड्राई-रन आयोजित किया गया था।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने रायपुर, दुर्ग एवं राजनांदगांव जिले के वैक्सीनेशन सेशन साईट पहुंचकर ड्राई-रन का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन स्थल पर जिन्हें टीका लगना है, उनकी पूर्व से पोर्टल में रजिस्टर्ड सूची रहेगी। वैक्सीनेशन के बाद सभी हितग्राहियों को 30 मिनट तक ऑब्ज़र्वेशन रूम में रखा जाएगा । इसके लिए भी प्रोटोकॉल निर्धारित है। इस मॉकड्रिल का उद्देश्य कोल्ड चेन मैनेजमेंट, वैक्सीन की सप्लाई, स्टोरेज और लॉजिस्टिक्स के साथ ही कोरोना वैक्सीनेशन के दौरान किसी आपात स्थिति से निपटने का भी अभ्यास करना था। वैक्सीनेशन के लिए पहुंचे लोगों के वैक्सीनेशन साइट पर पहुंचने, उनकी पोर्टल में हुई डाटा एंट्री, आई डी कार्ड की जाँच, वैक्सीनेशन व ऑब्जर्वेशन में रखने की तैयारियों को परखा गया।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक ने बताया कि राज्य में कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान की सभी तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। इसके लिए राज्य स्तर से प्रत्येक जिले के लिए राज्य स्तरीय स्टेट लेवल मॉनिटर, वहीँ जिला स्तर पर एडिशनल कलेक्टर/ डिप्टी कलेक्टर रैंक के अधिकारी को जिला नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। ताकि वैक्सीन के उपलब्ध होते ही सफलतापूर्वक टीकाकरण किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग के अन्य पार्टनर आर्गेनाइजेशन जैसे यूनिसेफ, यूएनडीपी और डब्ल्यूएचओे भी इस कार्यक्रम में सहयोग कर रहे हैं। कोविड-19 का टीका सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाएगा। इसके बाद फ्रंटलाइन वर्कर्स और फिर अन्य आयु वर्ग के लोगों को दिया जाएगा। प्रथम चरण में हेल्थकेयर में लगे 2 लाख 53 हजार लोगों को वैक्सीन लगाया जाएगा। टीकाकरण प्रक्रिया के सफल संचालन के लिए राज्य व जिला स्तर पर मजबूत समन्वय तंत्र बनाया जा रहा है। आज सभी सात जिलों में हुए मॉकड्रिल की रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी गई है।