मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों उफान पर है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मंत्री धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग जोर पकड़ रही है। इस मुद्दे को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच सियासी तकरार तेज हो गई है। विपक्ष ने मुंडे पर लगे आरोपों को लेकर उन्हें मंत्री पद से हटाने की मांग की है, जबकि एनसीपी और उनके समर्थकों ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है।
क्या है विवाद?
धनंजय मुंडे पर कुछ संगीन आरोप लगाए गए हैं, जिन्हें लेकर विपक्ष ने उनके नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग की है। इस विवाद के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
विपक्ष का हमला
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि सरकार नैतिकता और पारदर्शिता पर विश्वास करती है, तो मुंडे को तुरंत मंत्री पद से हटाया जाए।
सत्तापक्ष की प्रतिक्रिया
सत्ताधारी एनसीपी ने मुंडे के खिलाफ लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह राजनीतिक षड्यंत्र है। पार्टी ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और मुंडे को पूर्ण समर्थन देने की बात कही है।
विरोध प्रदर्शन
इस मुद्दे पर विपक्षी दलों द्वारा राज्यभर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। कई स्थानों पर विरोध रैलियों का आयोजन किया गया है, जहां धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग की जा रही है।
मामले की जांच का इंतजार
महाराष्ट्र की जनता और राजनीतिक दल अब मामले की जांच के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। धनंजय मुंडे ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वे साजिश का शिकार हो रहे हैं।