राजस्थान पुलिस के ‘लाइव ऑपरेशन’: अपराध नियंत्रण या नाटकीय प्रदर्शन?

जयपुर। राजस्थान पुलिस के अपराध नियंत्रण अभियान में हाल के दिनों में एक नाटकीय बदलाव देखने को मिला है। गुप्त तरीके से चलने वाले अभियानों की जगह अब ‘लाइव रेड’ और ‘वीडियो क्रॉनिकल्स’ ने ले ली है। पुलिसकर्मी अपराध रोकने के साथ-साथ कैमरे के सामने अपनी कार्रवाइयों का प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं। हालांकि, इस नई शैली को लेकर पुलिस विभाग के भीतर ही विवाद खड़ा हो गया है।

कैमरे पर अपराधियों का कबूलनामा

हाल ही में एक घटना में, एक अज्ञात स्थान पर तीन संदिग्ध अपराधियों को पुलिस हिरासत में रखा गया। एक पत्रकार ने उनके पास जाकर कैमरे के सामने उनके अपराध करने के तरीके दिखाने को कहा। इस दौरान, एक आरोपी ने फोन कॉल का नाटक कर बताया कि वह लोगों को कैसे धोखा देता था।

पुलिस विभाग में मतभेद

राजस्थान पुलिस के डीजीपी यू आर साहू ने इन नाटकीय प्रदर्शनों पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “पुलिस को ऐसी कहानियों को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं दिखाना चाहिए। ऑपरेशन्स के बारीकियों को सार्वजनिक करना गलत है।”
कई वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि गुप्त अभियानों में आश्चर्य का तत्व जरूरी है, जो इस नई शैली में गायब हो रहा है। उनका कहना है कि यह तरीका पुलिस की रणनीतियों को उजागर कर सकता है।

क्या यह सही दिशा है?

जहां एक ओर कुछ पुलिसकर्मी और जनता इसे अपराध नियंत्रण का नया रूप मानते हैं, वहीं दूसरी ओर विशेषज्ञ इसे पुलिस के पारंपरिक तरीकों पर सवाल खड़ा करने वाला मानते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *