बेटी की मासूम सहेली के साथ की हैवानियत, आरोपी पिता को मिली जीवन भर की कैद

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। अपनी बेटी की हमउम्र सहेली के साथ हैवानियत करने वाले आरोपी पिता को अदालत द्वारा जीवन भर की कैद से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। आरोपी पिता ने बुरी नीयत से मासूम के नाजुक अंगो के साथ अश्लील छेडख़ानी की थी। इस मामले पर विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश (पोक्सो एक्ट) शुभ्रा पचौरी ने आरोपी को दोषी मानते हुए कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। प्रकरण पर अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने पैरवी की थी।
मामला सुपेला थाना क्षेत्र का है। घटना दिनांक 21 अगस्त 2018 की शाम पीडि़त मासूम (8 वर्ष) अपनी हम उम्र सहेली के साथ पड़ोस में खेलने गई थी। इस दौरान सहेली व उसका पिता घर में अकेले थे। पिता गज्जू उर्फ गजानन तिवारी (28 वर्ष) ने अपनी बेटी को सामान लाने के बहाने दुकान भेज दिया। जिसके बाद सूनेपन का फायदा उठाकर मासूम के नाजुक अंगों पर मुंह व उंगली से अश्लील हरकत करने लगा। इस हरकत से घबराई मासूम अपने घर वापस आ गई और बाथरुम में जाकर रोने लगी। जिस पर पीडि़ता की मां द्वारा पूछताछ किए जाने पर अंकल की हरकत की जानकारी दी। जिसके बाद मामले की शिकायत सुपेला थाना में दर्ज कराई गई।
सुपेला पुलिस ने आरोपी गज्जू उर्फ गजानन तिवारी के खिलाफ दफा 376, पोक्सों एक्ट की धारा 5, 6 के तहत अपराध पंजीबदध किया था। आरोपी 24 अगस्त 2018 को गिरफ्तार कर विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। प्रकरण पर विचारण फास्ट टे्रक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी ने आरोपी गज्जू को मासूम के नाजुक अंगों के साथ अश्लील छेडख़ानी जैसे घृणित कार्य करने का दोषी माना। आरोपी को दफा 376 (क,ख) के तहत पूरे प्राकृत जीवन (आजीवन) तक कारावास में रखे जाने व 10 हजार रु. के अर्थदंड़ से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया। वहीं बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 10 के तहत 5 वर्ष के कठोर कारावास व 500 रु. के अर्थदंड से भी दंडि़त किया गया। दोनों सजाएं साथ साथ चलेंगी। अभियुक्त गिरफ्तारी के बाद फैसला सुनाए जाने तक जेल में ही निरूद्ध है।