धान खरीदी पर संकट, अब समितियों के कर्मचारियों ने की व्यवस्था सुधारने की मांग, दी आंदोलन की चेतावनी

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर खरीदी जा रही धान पर एक और संकट मंडराता नजर आ रहा है। एफसीआई द्वारा धान का उठाव न किए जाने और बारदानों की कमी का असर धान खरीदी पर पहले से ही पड़ रहा है। अब समितियों के कर्मचारियों ने खरीदी बंद कर आंदोलन की चेतावनी दी है।
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में अव्यवस्था पर समितियों के कर्मचारियों की नाराजगी सामने आई है। कर्मचारियों ने धान का उठाव नहीं होने व बारदानों की सप्लाई नहीं किए जाने पर धान खरीदी बंद कर देने की चेतावनी दी है। कर्मचारियों ने धान खरीदी नीति और अनुबंध नियमों में संशोधन के साथ नियमितिकरण और सांतवें वेतनमान की मांग भी उठाई है। मांगों को लेकर कर्मचारियों ने शनिवार को धरना देकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में पूर्व घोषणाओं और समझौतों पर अमल की मांग की गई है। मांग पूरी नहीं होने पर कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष अमन वर्मा ने बताया कि जिले के लगभग सभी खरीदी केंद्रों में धान का उठाव नहीं होने के कारण जाम के हालात है। वहीं 40 फीसदी केंद्रों में बारदाने का संकट है। ऐसे में केंद्रों में धान खरीदी संभव नहीं हो रहा। वहीं जिन केंद्रों में धान खरीदी चल रही है, वहां भी बारदानों की कमी के कारण खरीदी ठप्प होने की स्थिति है। ऐसे में कर्मचारियों को किसानों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। वर्मा ने बताया कि कोरोना के विषम कार्यकाल में सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने उचित मूल्य की दुकानों को राशन वितरण, खाद-बीज और केसीसी ऋण वितरण, धान परिवहन जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। मुख्यमंत्री ने खुद विपक्ष में रहने के दौरान आंदोलन पंडाल में पहुंचकर सरकार बनने पर मांगें पूर्ण कराने का भरोसा दिलाया था। इस पर आंदोलन समाप्त किया गया था, लेकिन उक्त आश्वासन पर अब तक अमल नहीं हो पाया है। इससे समितियों के कर्मचारियों में आक्रोश है।