दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि शहीद वीरनारायण सिंह के अमर बलिदान से हमारे प्रदेश की पहचान है। अंग्रेजों के विरुद्ध गरीब जनता के साथ संघर्ष करते हुए वे शहीद हुए। मैं उनके परिजनों से मिला। उनकी शहादत को हमारा नमन है। इस परिवार का योगदान कभी नहीं भूलाया जा सकता। शहीद वीरनारायण सिंह के परिजनों की पेंशन बढ़ाकर दस हजार रुपए किया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यहां केंद्रीय गोंड महासभा धमधागढ़ द्वारा आयोजित शहीद वीरनारायण सिंह बलिदान दिवस एवं युवक-युवती परिचय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शहीद वीरनारायण सिंह का बलिदान 1857 के संग्राम का अविस्मरणीय पल है। अंग्रेजों के जुल्म सहकर भी यह जाति नष्ट नहीं हुई अपितु उनका निश्चय और दृढ़ हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पहचान ही हमारी शक्ति है। हमने निश्चय किया कि हम अपनी समृद्ध विरासत को सभी को दिखाये। इस क्रम में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य समारोह आयोजित करने का निश्चय किया। ये समारोह लोगों को बहुत अच्छा लगा। इसमें 28 राज्यों के साथ ही 6 देशों के आदिवासी कलाकारों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जनजातीय लोगों की शैक्षणिक प्रगति के लिए भी दृढ़ संकल्पित हैं। अभी बीजापुर और दंतेवाड़ा के बच्चों का नीट में सलेक्शन हुआ। जानकारी नहीं होने की वजह से इनके एडमिशन में दिक्कत आई। सरकार ने कहा कि हम इनकी जिम्मेदारी लेंगे और इनका एडमिशन कराया। मुख्यमंत्री ने सामाजिक पदाधिकारियों को तथा समाज के सदस्यों को युवक-युवती परिचय सम्मेलन आयोजित करने के लिए बधाई दी। इस मौके पर भिलाई विधायक एवं महापौर देवेंद्र यादव, मोहला मानपुर विधायक इंद्रेश मंडावी, दुर्ग महापौर धीरज बाकलीवाल, पूर्व विधायक प्रतिमा चन्द्राकर के साथ अन्य जनप्रतिनिधि एवं पदाधिकारीगण मौजूद थे।
हर वर्ग की आर्थिक स्थिति मजबूत करने सरकार कर रही प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज की दशा सांस्कृतिक पहचान के प्रति निरंतर सजग होने से तथा आर्थिक उन्नति से बेहतर होती है। आर्थिक रूप से संबल प्रदान करने के लिए धान की उपज का उचित मूल्य तथा ऋण माफी जैसे बड़े निर्णय लिये गए। इन निर्णयों से खेती किसानी से जुड़े लोगों को संबल मिला है। उनका खेती में आत्मविश्वास लौटा है। उन्हें सहारा देने से बाजार भी समृद्ध हुआ है। हमारी नीति सबका साथ सबका विकास पर काम करने की है। हम तीज त्योहार एक साथ मनाते हैं। छत्तीसगढ़ में सभी लोग सदभाव से रहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनोपज संग्रहण का उचित दाम मिले, इसके लिए भी सरकार ने बड़े प्रयास किये हैं। 52 लघु वनोपजों को खरीदने की और इनका प्रसंस्करण करने पर काम किया है। तेंदूपत्ता संग्राहकों को राहत दी है। सरकार के इन निर्णयों से जनजाति भाइयों को बहुत संबल मिला है।
शहीद वीरनारायण की प्रतिमा स्थापना का दिया सुझाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद वीरनारायण सिंह की स्मृति में कचना धुरवा देवालय के निकट ही किसी चौक में उनकी प्रतिमा होनी चाहिए। इसके लिए निगम उचित निर्णय ले सकता है।