बीमा लाभ से वंचित हुए किसान, उपभोक्ता आयोग ने सहकारी समिति व बैंक पर लगाया हर्जाना

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। गलत श्रेणी में धान फसल का बीमा कराने से किसान बीमा का लाभ लेने से वंचित हो गए। इस प्रकरण में जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा सहकारी तथा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक प्रबंधन के खिलाफ आदेश पारित किया गया है। आयोग ने लाभ से वंचित किसानों को फसल क्षति की राशि के साथ हर्जाना अदा करने का आदेश दिया है। पीडित किसानों की ओर से अधिवक्ता आदित्य ताम्रकार ने आयोग के समक्ष पक्ष रखा था।
प्रकरण नारधा (धमधा) सेवा सहकारी समिति से संबंधित है। इस सहकारी समिति व जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के माध्यम से ग्राम खेरधा के किसानों की फसल की बीमा कराया गया था। बैंक द्वारा बीमा के लिए किसानों के खाता में से रकम की कटौती कर भारतीय कृषि बीमा कंपनी में प्रीमियम जमा कराया गया था। किसानों की फसल खराब मौसम के कारण खराब हो गई। जिस पर 11 किसानों द्वारा समिति व बैंक के माध्यम से भुगतान के लिए बीमा कंपनी के समक्ष दावा पेश किया गया था। इन किसानों के बीमा भुगतान दावें को बीमा कंपनी द्वारा अस्वीकृत कर दिया गया था। किसानों को ज्ञात हुआ कि उनकी फसल सिंचित होने के बावजूद बीमा असिंचित श्रेणी में कराया गया था। जिस पर प्रभावित किसानों ने अधिवक्ता आदित्य ताम्रकार के माध्यम से प्रकरण को जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया था।
प्रकरण पर विचारण पश्चात आयोग अध्य लवकेश प्रताप बघेल ने सहकारी समिति व बैंक के इस कृत्य के सेवा में कमी की श्रेणी में पाया। आयोग ने नारधा सेवा सहकारी समिति तथा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के खिलाफ आदेश पारित किया है। जिसके अनुसार ग्राम खेरधा निवासी किसान नैनूलाल को 31 हजार 918 रु., गुमान को 20 हजार 918 रु. भूपेन्द्र को 29 हजार 990 रु., दिनेश को 1 हजार 913 रु., भूनेश्वर को 10 हजार 622 रु., रामेश्वर को 13 हजार 324 रु., वरुण को 33 हजार 269 रु., मदन को 4 हजार 640 रु., तुकाराम को 29 हजार 990 रु. साजिद को 17 हजार 864 रु. तथा राजकुमार को 5 हजार 17 रु. का भुगतान फसल क्षतिपूर्ति के रुप में करने का आदेश दिया गया है।